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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : मंगलवार, 2 जनवरी 2024 (22:28 IST)

CAA लागू करने की तैयारियां, लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार उठा सकती है बड़ा कदम

CAA  लागू करने की तैयारियां, लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार उठा सकती है बड़ा कदम - CAA rules to be notified much before Lok Sabha poll announcement: Official
  • 2019 में मिली थी विधेयक को मंजूरी
  • विरोध में हुए थे प्रदर्शन
  • पश्चिम बंगाल में था मुद्दा 
 
Rules for the Citizenship: लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू कर सकती है। मीडिया खबरों के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह कदम उठाया जा सकता है। सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही सरकार सीएए के लिए नियमावली जारी कर देगी।  
 
अगर ऐसा हुआ तो सीएए को लेकर चले आ रहे संशय का पटाक्षेप हो जाएगा, क्योंकि ऐसे अनुमान लगाए जा रहे थे कि ये क़ानून चुनाव से पहले आएगा या बाद में आएगा। अगर ऐसा हुआ तो सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान की जाएगी। ये वे लोग होंगे जो 31 दिसंबर से पहले भारत आ गए थे।
 
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (CCA), 2019 के नियमों को लोकसभा चुनाव की घोषणा से "काफी पहले" अधिसूचित कर दिया जाएगा। 
 
क्या है कानून में : नरेन्द्र मोदी नीत सरकार द्वारा लाए गए सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान की जाएगी।
 
100 लोगों की हुई थी मौत : संसद ने दिसंबर 2019 में संबंधित विधेयक को मंजूरी दी थी और बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसके विरोध में देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान या पुलिस कार्रवाई में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
 
अधिकारी ने कहा कि हम जल्द ही सीएए के नियम जारी करने जा रहे हैं। नियम जारी होने के बाद, कानून लागू किया जा सकता है और पात्र लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है। कानून में चार साल से अधिक की देरी हो चुकी है और कानून लागू होने के लिए नियम जरूरी हैं। लोकसभा चुनाव के अप्रैल-मई में होने की संभावना है।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या कानून के नियम अगले लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले अधिसूचित किए जाएंगे, अधिकारी ने कहा, "हां, उससे काफी पहले।"
 
नियम और ऑनलाइन पोर्टल तैयार : उन्होंने कहा कि नियम तैयार हैं और ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है तथा पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदकों को उस वर्ष की घोषणा करनी होगी, जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।
 
शाह ने कहा था कोई नहीं रोक सकता : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर को कहा था कि सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस मुद्दे को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था।
 
शाह ने कोलकाता में पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएए लागू करना भाजपा की प्रतिबद्धता है। ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सीएए का विरोध कर रही है।
 
पश्चिम बंगाल चुनाव में था मुद्दा : पश्चिम बंगाल में पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सीएए लागू करने का वादा भाजपा का एक प्रमुख चुनावी मुद्दा था।
 
संसदीय प्रक्रियाओं की नियमावली के अनुसार, किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के छह महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए या लोकसभा और राज्यसभा में अधीनस्थ विधायी समितियों से विस्तार का अनुरोध किया जाना चाहिए।
 
गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए 2020 से संसदीय समितियों से नियमित अंतराल पर विस्तार ले रहा है।  भाषा/ वेबदुनिया न्यूज