BSF ने अमृतसर के पास मार गिराया पाकिस्तानी ड्रोन, 2022 में देखे गए 268 ड्रोन
नई दिल्ली/अमृतसर। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते पंजाब में घुसने वाले एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया है। दूसरी ओर संसद में भी सीमा पार से होने वाले ड्रोन हमलों को लेकर चिंता जताई गई है। दरअसल, ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स और हथियार पहुंचाए जाते हैं।
बीएसएफ अधिकारी के मुताबिक, बीएसएफ जवानों ने मंगलवार रात एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स उसे अपने साथ ले गए। घटना अमृतसर में दाओके पुलिस चौकी के पास हुई। कुछ समय पहले भी बीएसएफ की एक महिला कर्मी ने अमृतसर के पास एक ड्रोन को मार गिराया था।
बीएसएफ के एक प्रवक्ता के मुताबिक बुधवार सुबह जब तलाशी ली गई तो ड्रोन भारतीय सीमा चौकी भरोपाल के उस पार पाकिस्तान की सीमा में 20 मीटर अंदर गिरा पाया गया।
ड्रोन रोधी उपाय किए जाने के बाद ड्रोन कुछ मिनटों तक आसमान में उड़ा और फिर लौटते समय जमीन पर गिर गया। हालांकि ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा में कुछ गिराया तो नहीं गया है, इसका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है।
राज्यसभा में जताई गई चिंता : राज्यसभा में कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य ने पाकिस्तान से सीमावर्ती राज्य पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर में ड्रोन के जरिए मादक पदार्थ व हथियार भेजे जाने के मामलों में हुई वृद्धि पर बुधवार को चिंता जताई और सरकार से अनुरोध किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर वह इस दिशा में सुधारात्मक कदम उठाए। कांग्रेस के राजीव शुक्ला ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से ड्रोन रोधी तंत्र को मजबूत बनाए जाने की भी मांग की।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने नवंबर के अंतिम सप्ताह तक 268 ड्रोन देखे जाने की सूचना दी है। यह संख्या 2021 में 109, 2020 में 49 और 2019 में 35 थी। इसका मतलब है कि सीमापार से बड़ी संख्या में ड्रोन भेजे जा रहे हैं। इसमें वृद्धि होना हमारे लिए चिंता का विषय है। नियंत्रण रेखा पर, विशेष रूप से पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर में ड्रोन देखे जाने के मामलों में वृद्धि हुई है।
शुक्ला ने कहा कि चिंता का विषय यह भी है कि सीमा पर जिन ड्रोन को मार गिराया गया है, उनमें उसी प्रौद्योगिकी व तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो चीन के पास है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दावा करता है कि बराक ड्रोन उसका घरेलू उत्पाद है लेकिन उसकी प्रौद्योगिकी चीन के रैनबो श्रृंखला के ड्रोन से मिलती जुलती है।
शुक्ला ने कहा कि रिपोर्ट से पता चला है कि इस साल देखे गए 268 ड्रोन में से केवल 16 ड्रोन को ही मार गिराया गया। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि ड्रोन को मार गिराने की दर भी बहुत कम है। मेरी सरकार से मांग है कि जो एंटी ड्रोन सिस्टम है, उसकी क्षमता और प्रभावशीलता के बारे में सोचने की जरूरत है। इसे और मजबूत किया जाए। ड्रोन को कैसे मार गिराया जाए, यह हमारी चिंता होनी चाहिए। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala