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Last Updated : सोमवार, 4 मई 2020 (12:09 IST)

अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान, दिल्ली को फिर से खोलने का वक्त आ गया है

Arvind Kejriwal | अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान, दिल्ली को फिर से खोलने का वक्त आ गया है
नई दिल्ली। देश कई जिलों में कुछ छूटों के साथ राष्ट्रीय लॉकडाउन के तीसरे चरण के लिए तैयार है लेकिन निषिद्ध क्षेत्रों में प्रतिबंध जारी रहेंगे। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली को फिर से खोलने का वक्त आ गया है और लोगों को कोरोना वायरस के साथ जीने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने लॉकडाउन 3.0 के दौरान रेड जोन के लिए केंद्र द्वारा निर्धारित सभी छूट राष्ट्रीय राजधानी में देने की घोषणा की। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली लॉकडाउन हटाने के लिए तैयार है। 
उन्होंने ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दिल्ली सरकार केंद्र को यह सुझाव देगी कि शहर में सिर्फ निरुद्ध क्षेत्र को रेड जोन घोषित किया जाए, न कि पूरे जिले को। वर्तमान में दिल्ली के सभी 11 जिले रेड जोन घोषित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 कहीं नहीं जा रहा और यह असंभव है कि कोरोना वायरस के मामले शून्य हो जाएं।
 
उन्होंने कहा कि यह असंभव है कि कोरोना वायरस का 1 भी मामला सामने नहीं आए, हमें कोरोना वायरस के साथ जीने के लिए तैयार होना होगा। हमें इसका अभ्यस्त होना होगा। सरकार ने कहा कि दिल्ली में रविवार को कोरोना वायरस के सबसे अधिक 427 नए मामले सामने आए हैं जिससे राष्ट्रीय राजधानी में इसके मामलों की कुल संख्या 4,549 हो गई है।

दिल्ली सहित देशभर में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है। इसका प्रथम चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था। दूसरा चरण 15 अप्रैल से 3 मई तक था। अब लॉकडाउन 3.0 सोमवार (4 मई) से 17 मई तक है।
 
 
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के मामले बढ़ने की दर कुछ समय से लगभग स्थिर है और रोगियों के ठीक होने की दर सुधर रही है। भारत सफलता की राह पर है तथा देश इस महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतेगा।
 
 
हर्षवर्धन ने कहा कि कोविड-19 के रोगियों के ठीक होने की दर में निरंतर सुधार हुआ है, जो दिखाता है कि ज्यादा से ज्यादा रोगी इस बीमारी से उबर रहे हैं और बेहतर होकर घर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए मामलों के बढ़ने की दर भी कुछ समय से स्थिर है।
 
मंत्री के हवाले से एक बयान में कहा गया कि रविवार को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले 3 दिन से वायरस के मामले दोगुने होने की दर 12 दिन है। 7 दिन के लिहाज से देखें तो 11.7 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं और 14 दिन के हिसाब से देखें तो 10.4 दिन में मामले दोगुने हो रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि हमने आज की तारीख तक 10 लाख से अधिक नमूनों की जांच कर ली है और इस समय 1 दिन में 74 हजार से अधिक जांच हो रही है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने पूरे भारत में करीब 20 लाख पीपीई किट वितरित की हैं और 100 से अधिक देशों को दवाओं (हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्विन तथा पैरासीटामोल दोनों) की आपूर्ति की है।
 
उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है और विशेष कोविड-19 अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों में 2.50 लाख से अधिक बिस्तरों के साथ किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सक्षम है।
 
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से लॉकडाउन के तीसरे चरण का पूरी तरह पालन करने तथा इसे संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए प्रभावी हस्तक्षेप मानकर चलने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हम सफलता की राह पर हैं और कोविड-19 के खिलाफ इस युद्ध को जीतेंगे।
 
इस बीच नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल का मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या में बेशक बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन इनमें अब जल्दी ही किसी भी दिन से स्थिरता आनी शुरू होगी। 
 
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लॉकडाउन को 2 सप्ताह और बढ़ाने का मकसद पहले और दूसरे चरण के दौरान हुए लाभ को और मजबूत करना है। पॉल ने साक्षात्कार में लॉकडाउन को बढ़ाकर 17 मई तक करने के फैसले के पीछे उद्देश्य बताते हुए कहा कि देश को पिछले लॉकडाउन से जो लाभ हुआ है, उसे मजबूत करना जरूरी है। बंद का मकसद वायरस के फैलने की श्रृंखला को तोड़ना है। यदि हम आगे बंद नहीं करेंगे, तो हम लाभ गंवा देंगे।
 
पॉल कोरोना वायरस से निपटने के लिए बनाए गए चिकित्सा उपकरण एवं प्रबंधन योजना पर अधिकार प्राप्त समूह के प्रमुख हैं। 
 
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को पत्र लिखकर कहा है कि गृह मंत्रालय ने ऐसे फंसे हुए लोगों के आने-जाने को मंजूरी दी है, जो लॉकडाउन की अवधि से ठीक पहले अपने मूल निवास अथवा कार्यस्थलों से चले गए थे और लॉकडाउन के नियमों के चलते लोगों अथवा वाहनों की आवाजाही पर लगी रोक के कारण अपने मूल निवासों अथवा कार्यस्थलों पर लौट नहीं पाए थे। (भाषा)