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Last Modified: गुरुवार, 25 जनवरी 2024 (11:40 IST)

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A एकजुटता की अग्निपरीक्षा में फेल!

लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के चेहरे को चुनौती देने की हुंकार भर रहे विपक्षी नेताओं में टकराव

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A एकजुटता की अग्निपरीक्षा में फेल! - Before the Lok Sabha elections, the opposition alliance I.N.D.I.A failed in the test of unity!
लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा आज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से अपने चुनाव प्रचार अभियान का शंखनाद कर रही है तो दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में भाजपा को हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए विपक्षी दलों का गठबंधन I.N.D.I.A बिखरने के कगार पर पहुंच गया है। I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल लोकसभा चुनाव के नजरिए देश के तीसरे सबसे बड़े राज्य पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। ममता के इस निर्णय के बाद विपक्षी गठबंधन लोकसभा चुनाव से पहले एकजुटता की अग्निपरीक्षा में फेल नजर आ रहा है।

वहीं ममता के बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने के फैसले के बाद इंडिया गठबंधन के बिखरने का खतरा हो गया है। ममता के बाद गठबंधन में शामिल दूसरे प्रमुख दल आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सभी 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया। वहीं बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और महाराष्ट्र में शिवसेना (उद्धव गुट) के तेवर भी शीट शेयरिंग को लेकर तीखे नजर आ रहे है।

सीट शेयरिंग पर बिखर रहा गठबंधन-लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीट शेयरिंग के मुद्दें पर इंडिया गठबंधन में बिखराव शुरु हो गया है। पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने  का एलान करने वाली ममता बनर्जी लोकसभा की कुल 42 सीटों मे से कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटों पर अड़ी हुई थी, वहीं कांग्रेस ने प्रदेश में 10-12 सीटों पर अपना दावा ठोंक रही थी। सीट शेयरिंग को लेकर विवाद इस कदर बढ़ा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। ममता बनर्जी के इस एलान के बाद लेफ्ट और कांग्रेस में भी दूसरी देखी जा रही है। लेफ्ट ने केरल में सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस पर दबाव बढ़ा दिया है।

इसके साथ ही पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सभी 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। पंजाब के मुख्यंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी। पंजाब में कांग्रेस 2019 के प्रदर्शन के आधार पर 8 सीटों की मांग कर ही थी वहीं आम आदमी  पार्टी विधानसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर सीट शेयरिंग करना चाह रही थी इसी को लेकर दोनों ही पार्टियों में दूरिया दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है

दरअसल सीट शेयरिंग का फॉर्मूला ही विपक्षी एकजुटता की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा है। इसका कारण यह है कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) में शामिल 28 दल राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरते है। उदाहरण के तौर पर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का लेफ्ट के साथ कांग्रेस से सीधा मुकाबला होता है। वहीं केरल में कांग्रेस की वाम दलों के साथ आमने-सामने का मुकाबला होता है। वहीं पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सामने चुनावी मैदान में कांग्रेस होती है और उत्तर प्रदेश मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस के सामने समाजवादी पार्टी होती है। यहीं कराण है कि चुनाव करीब आते ही इंडिया गठबंधन में दरार बढ़ती जा रही है।

मुद्दों को लेकर गठबंधन भी बिखराव-भाजपा को केंद्र की सत्ता में तीसरी बार आने से रोकने के लिए भले विपक्षी दलों ने गठबंधन बना लिया हो लेकिन इनके बीच मुद्दों को लेकर मत विभिन्नता साफ नजर आती है। विपक्षी गठबंधन इंडिया के सामने लोकसभा चुनाव के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार करना भी एक अग्निपरीक्षा है।

उदाहरण के तौर पर अयोध्या में राममंदिर के मुद्दें पर ममता बनर्जी भाजपा को कठघरे में खड़ा  कर रही है वहीं आम आदमी पार्टी सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे पर आगे बढ़ रही है। गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार लोगों को मुफ्त में अधिक से अधिक संख्या में अयोध्या के दर्शन कराएगी। वहीं कांग्रेस भी राममंदिर के मुदें पर सॉफ्ट नजर आ रही है।  

इसके साथ अडानी और गोडसे के मुद्दें पर भी क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस में टकराव नजर आता रहा है। पिछले दिनों ममता बनर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नाराजगी जाहिर की और पूछा कि उन्होंने बिना कोई बात किए अडानी का मुद्दा क्यों उठाया, कारण गठबंधन में कांग्रेस अकेले अपना मुद्दा नहीं बना सकती है। वहीं गोडसे के मुद्दें पर कांग्रेस और शिवसेना में दरार साफ नजर आती है।

मोदी के सामने चेहरे की चुनौती?-2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए विपक्षी गठबंधन के सामने सबसे बड़ी चुनौती नरेंद्र मोदी के सामने एक सशक्त चेहरा उतारना है। अब तक विपक्षी गठबंधन की चार बैठकें हो चुकी है लेकिन अब तक चुनाव में विपक्षी गठबंधन के एक साझा चेहरे पर एक राय नहीं बन सकी है। वहीं गठबंधन के संयोजक पद को लेकर भी अभी एक राय नहीं बन सकी है। लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर भी गठबंधन में शामिल क्षेत्रीय दलों में बैचेनी नजर आ रही है। यहीं कारण है कि बंगाल में राहुल गांधी की न्याय यात्रा की एंट्री से ठीक पहले ममता ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर यात्रा से दूरी बना ली।

गठबंधन को बचाने के लिए बैकफुट पर कांग्रेस- लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गठबंधन में शामिल साथियों के अकेले चुनाव लड़ने के एलान के बाद कांग्रेस अब बैकफुट पर नजर आ रही है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने ममता को गठबंधन का सीनियर नेता बताते हुए कहा उनसे बातचीत होगी। बंगाल में ममता बनर्जी ने ऐसे समय अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बंगाल पहुंची है। राहुल गांधी की यात्रा आज पश्चिम बंगाल के कूच बिहार से राज्य में एंट्री की है, ऐसे में अब बंगाल में राहुल गांधी गठबंधन और ममता बनर्जी को लेकर क्या बोलते है इससे आगे की तस्वीर साफ होगी।

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