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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 2 सितम्बर 2021 (16:58 IST)

Special Story: पंजाब कांग्रेस में ऑल इज नॉट वेल, 'कैप्टन' को आउट करने के लिए सिद्धू की ‘फील्डिंग’!

पंजाब में कांग्रेस को अब सता रही सत्ता गंवाने की चिंता?

Special Story: पंजाब कांग्रेस में ऑल इज नॉट वेल, 'कैप्टन' को आउट करने के लिए सिद्धू की ‘फील्डिंग’! - Battle for supremacy between Navjot Singh Sidhu and Captain Amarinder Singh in Punjab
कांग्रेस शासित राज्य पंजाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के बीच शह-मात का खेल ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने के बाद अब सिद्धू खेमे की नजर सीएम की कुर्सी पर टिक गई हैं। 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने को लेकर भी सिद्धू और कैप्टन के बीच लड़ाई बढ़ती ही जा रही है। वहीं अब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने भी मान लिया है कि पंजाब कांग्रेस में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। 
 
कांग्रेस अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज होने के बाद अब नवजोत सिद्धू सीधी धमकी देते हुए नजर आ रहे है। पिछले दिनों सिद्धू ने कहा कि अगर उन्हें निर्णय लेने की छूट नहीं दी गई तो 'ईंट से ईंट खड़का देंगे। दर्शनी घोड़ा बनने का कोई फायदा नहीं'।

दरअसल सिद्धू अब सीधे कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मैदान में उतर आए है। सिद्धू मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर के कामकाज की शैली को लेकर लगातार हमलावर हैं। कैप्टन सरकार में शामिल सिद्धू समर्थक मंत्रियों और विधायक रह-रहकर अमरिंदर सिंह के खिलाफ लगातार मोर्चा खोलते नजर आ रहे है।
 
अमरिंदर और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच टकराव की खाईं उस वक्त और बढ़ गई है सिद्धू के सलाहकार मालविंदर माली ने इस्तीफा देने के साथ अपनी जान को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से खतरा बता दिया। अपने बयान में माली ने कहा कि अगर मेरा कोई जानी नुकसान होता है तो इसके लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब के कैबिनेट मिनिस्टर विजय इंद्र सिंगला, पंजाब के सांसद मनीष तिवारी आदि जिम्मेदार होंगे।
 
इसके साथ चुनाव से पहले सिद्धू के नशा माफियाओं पर कार्रवाई को लेकर कैप्टन सरकार पर सवाल उठा दिए है। सिद्धू ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशों के बावजूद अकाली-भाजपा सरकार व अब कैप्टन सरकार ने विदेश में बैठे उन ड्रग तस्करों को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए कुछ नहीं किया, जिन्होंने पंजाब में ड्रग्स की तस्करी की।
वहीं कांग्रेस आलाकमान एक बार फिर बचाव के मोड में दिख रही है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत लगातार चंडीगढ़ के दौरे लगाकर निपटाने में लगे है। सिद्धू के ईंट से ईंट खड़का देने के बयान का बचाव करते हुए रावत ने कहा कि सिद्धू पंजाब में पार्टी के अध्यक्ष हैं, तो उनक अलावा और कौन निर्णय लेगा। इसके साथ ही रावत कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ भी लगातार बैठकें कर रहे है।
 
वहीं दूसरी ओर इस पूरे मुद्दे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर पूरी तरह खमोश होकर अपने खेमे को मजबूत करने में जुटे है। कांग्रेस हाईकमान की ओर से विधानसभा चुनाव का चेहरा बताए जाने के बाद से कैप्टन खेमा उत्साहित है। सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच मची खींचतान के बीच प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 2022 का चुनाव लड़ेंगी।

इस बीच बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जलियांवाला बाग के रेनोवेशन की तारीफ कर कहीं न कहीं राहुल के खिलाफ लड़ाई शुरु कर दी है। राहुल गांधी ने जालियांवाला बाग स्मारक में बदलाव के लिए मोदी सरकार को घेरा था वहीं अमरिंदर सिंह अब इसकी तारीफ करते दिख रहे हैं।

राहुल गांधी ने ट्वीट में ऐतिहासिक धरोहर में हुए इस बदलाव को शहीदों का अपमान और अभद्र क्रूरता बताते हुए लिखा था कि ऐसी वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता। वहीं, कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि वक्त के साथ जो इमारतें कमजोर हो गई थीं और दरारें पड़ गई थी उनको दुरुस्त करना जरूरी था। रेनोवेशन के बाद जलियांवाला बाग उनके हिसाब से बहुत बढ़िया हो गया है।

वहीं दूसरी ओर पंजाब सियासत के जानकार हरीश रावत के बयानों को पार्टी में कलह बढ़ने का प्रमुख कारण मानते है। कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व में 2022 का चुनाव कराने की बात पर कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू का खेमा नारज हो गया। इसके बाद स्थिति बिगड़ती देख रावत ने सामूहिक नेतृत्व के जब बात कहीं तो अमरिंदर सिंह खेमा नाराज़ हो गया। वहीं ताजा विवाद कैप्टन मंत्रिमंडल में फेरबदल की खबरों को लेकर जिसको लेकर हरीश रावत ने सफाई भी दी है। वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अपनी सफाई के दौरान हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं होने की बात भी कही है। 

सिद्धू और अमरिंदर का विवाद सुलझाने के लिए चंडीगढ़ पहुंचे हरीश रावत के पंज प्यारे पर विवाद बढ़ने पर भले ही हरीश रावत ने माफी मांग ली हो लेकिन वह कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचाएगा ये तो वक्त ही बताएगा। पंजाब कांग्रेस में कलह थमने की जगह बढ़ रही है। इसी वजह से पार्टी हाईकमान को आने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता गंवाने की चिंता सताने लगी है।