Baloch leader Mir Yar Khan open letter to Modi: बलूचिस्तान के नेता मीर यार खान बलूच ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुला खत लिखा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट खत में कहा है कि आतंकवाद पाकिस्तान के डीएनए में गहराई से समाया हुआ है और कुछ अलग-अलग अभियानों से इसे खत्म नहीं किया जा सकता। बलूच, पश्तून इस आतंक के केंद्र पाकिस्तान को हराने के लिए भारत के दीर्घकालिक साझेदार हो सकते हैं। मीर यार मानवाधिकार कार्यकर्ता होने के साथ ही एक स्वतंत्र पत्रकार, लेखक और बलूचों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
मीर यार ने कहा कि पहलगाम में पाकिस्तान के चरमपंथी आतंकवादी ताकतों द्वारा किए गए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में आतंकवादी ठिकानों की पहचान करने और उन्हें नष्ट करने में आपकी सेना, वायुसेना और अन्य रक्षा संस्थानों की साहसी कार्रवाई को आने वाली पीढ़ियां सुनहरे शब्दों में याद रखेंगी। हाल ही में एक रैली में आपने सही कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर में अपना पहला आतंकवादी हमला 1947 में किया था, जो इसके बनने के कुछ समय बाद ही हुआ था। इससे यह स्पष्ट रूप से साबित होता है कि आतंकवाद पाकिस्तान के डीएनए में गहराई से समाया हुआ है।
ALSO READ: क्या इतनी आसानी से अलग देश बन सकता है बलूचिस्तान, क्या है एक राष्ट्र बनने की प्रक्रिया?
बलूच ने कहा कि 27 साल पहले, 28 मई, 1998 को पाकिस्तान की जिहादी सेना ने हमारी खूबसूरत धरती बलूचिस्तान पर छह परमाणु परीक्षण किए थे। नवाज शरीफ सरकार के साथ मिलीभगत कर पाकिस्तानी सेना ने गुप्त रूप से बलूचिस्तान में चघई पर्वतमाला के राजसी रस कोह पहाड़ों को घातक विस्फोटों के स्थल में बदल दिया। पाकिस्तान की क्रूर सेना ने हमारी पूरी आबादी को हानिकारक परमाणु विकिरण के संपर्क में ला दिया।
बलूचिस्तान को बर्बाद किया : आज भी चगई और रस कोह के पहाड़ों में विस्फोटकों की गंध बनी हुई है। आज भी, बलूचिस्तान में हमारी माताएं उन परीक्षणों के परिणामस्वरूप शारीरिक और मानसिक विकलांगता वाले असामान्य बच्चों को जन्म दे रही हैं। लाखों एकड़ कृषि भूमि नष्ट हो गई है, पशुधन नष्ट हो गया। आज, फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट और बलूचिस्तान के देशभक्त लोग पाकिस्तान द्वारा किए गए इन परमाणु परीक्षणों के विरोध में खड़े हैं।
ALSO READ: बलूचिस्तान कब तक होगा पाकिस्तान से अलग, जानिए ज्योतिष विश्लेषण
झूठा है पाकिस्तान : मीर यार ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल कार्रवाई करने और इस क्षेत्र को और अधिक विनाश से बचाने के लिए पाकिस्तान के असुरक्षित परमाणु हथियारों को जब्त करने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा- पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक डॉ. अब्दुल कादिर खान ने यूरोप से परमाणु रहस्य चुराए और उन्हें पाकिस्तान ले आए। अगर वैश्विक समुदाय ने उस समय सख्त कार्रवाई की होती, तो पाकिस्तान को कभी भी ऐसी खतरनाक परमाणु क्षमताओं तक पहुंच नहीं मिलती। बाद में, आईएसआई ने सोवियत-अफगान युद्ध के दौरान वाशिंगटन के साथ गठबंधन का दिखावा करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका को गुमराह किया, जबकि पर्दे के पीछे जनरल जिया-उल-हक ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को विकसित करना जारी रखा। पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन की मौजूदगी और पहलगाम जैसे हमलों में उसकी संलिप्तता को उसने नकारा।
... तो भूख और प्यास से मर जाएगा पाकिस्तान : बलूच नेता ने अपने पत्र में कहा कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई बलूचिस्तान की विशाल खनिज संपदा को लूट रहे हैं- जिसमें सोना, चांदी, तांबा, प्राकृतिक गैस, तेल, संगमरमर, यूरेनियम, कोयला और कीमती पत्थर शामिल हैं। इन संसाधनों का उपयोग अपनी कमजोर अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए कर रहे हैं, जबकि साथ ही क्षेत्रीय संघर्षों, खासकर भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ धार्मिक चरमपंथियों को प्रॉक्सी के रूप में वित्त पोषित कर रहे हैं। अगर बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दे दी जाए, तो ऐसे छद्म राष्ट्रों का समर्थन करना न केवल असंभव हो जाएगा, बल्कि पाकिस्तान खुद भूख और प्यास से मर जाएगा।
उन्होंने लिखा कि बलूच राष्ट्र इस समय भारी चुनौतियों का सामना कर रहा है। चीन बलूचिस्तान के गर्म पानी में स्थायी रूप से पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। चीनी नौसेना के बेड़े ओरमारा, जिवानी और ग्वादर में लंगर डाले हुए हैं और चीन ने ग्वादर में एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा भी चालू कर दिया है।
बलूचिस्तान के लोगों को चीन से कोई लगाव नहीं है, क्योंकि वह पाकिस्तान की कब्जे वाली सेना को आर्थिक, कूटनीतिक, राजनीतिक और वित्तीय सहायता देता है। यह सब बलूच लोगों की सहमति के बिना हो रहा है।वर्तमान में, हम खाली हाथ लेकिन दृढ़ संकल्प और राष्ट्रीय एकता के साथ चीन, पाकिस्तान और तुर्की के संयुक्त गठबंधन का विरोध कर रहे हैं। महामहिम, आज दुनिया की निगाहें आप (नरेन्द्र मोदी) पर टिकी हैं। बलूच ने अपने खत में और भी कई बातें लिखी हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala