बाबरी विवाद में न्यायालय के निर्णय का सम्मान होना चाहिए : दरगाह दीवान
अजमेर। अजमेर स्थित सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर कहा कि धार्मिक कट्टरता से किसी विवाद का हल नहीं निकल सकता है इसलिए सभी धर्मों को न्यायालय के फैसले में विवाद का हल तलाशना चाहिए।
दीवान ने अजमेर में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 806वें सालाना उर्स के मौके पर देश की प्रमुख दरगाहों के सज्जादगान, प्रमुख धर्मगुरुओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस मसले को न्यायालय के बाहर तय करने के प्रयास कभी सफल नहीं हो सकते।
उन्होंने कहा कि वर्तमान धार्मिक राजनीतिक और सांस्कृतिक ताकतें अयोध्या मसले पर एक व्यवहारिक समाधान नहीं निकाल पा रही हैं जिससे देश के सभी धर्मों के अनुयायियों में इस विवाद को लेकर एक संशय का माहौल है, क्योंकि वर्तमान माहौल को देखते हुए सभी संप्रदाय के अधिकांश जागरूक नागरिक न्यायालय से बाहर किसी समाधान के लिए सहमत नहीं हो सकते हैं।
आबेदिन ने कहा कि आज की सभा में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया जाना चाहिए कि राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद का हल निकालने के लिए न्यायालय के फैसले का इंतजार और सम्मान किया जाना चाहिए। (भाषा)