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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 30 अप्रैल 2016 (07:52 IST)

केजरीवाल की एक दुआ कबूल, खुलेगा मोदी का ये राज...

केजरीवाल की एक दुआ कबूल, खुलेगा मोदी का ये राज... - arvind Kejriwal degree controversy
केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक मुराद पूरी कर दी। CIC ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वे पता लगाएं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हासिल डिग्रियों के बारे में सूचना दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुहैया कराएं जिन्होंने आयोग के कामकाज की शुक्रवार को आलोचना की थी।
सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलू ने साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय को भी निर्देश दिया कि वह प्रधानमंत्री द्वारा हासिल डिग्रियों का ‘विशिष्ट नम्बर और वर्ष’ उनके भूतपूर्व विश्वविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को मुहैया कराए, ताकि उन्हें इन रिकार्ड का पता लगाने में आसानी हो सके।
 
आचार्युलू ने आदेश में कहा कि चुनाव लड़ने के लिए शैक्षिक (डिग्री आधारित) योग्यता निर्धारित नहीं करना भारतीय लोकतंत्र की महान विशेषताओं में से एक है। जरूरी शिक्षा है डिग्री नहीं। यद्यपि जब कोई नागरिक जो कि मुख्यमंत्री के पद पर आसीन है, वह प्रधानमंत्री की डिग्री से संबंधित सूचना जानना चाहता है, उसका खुलासा करना उचित होगा। केजरीवाल के पत्र को एक आरटीआई आवेदन मानने का सूचना आयुक्त का यह कदम असाधरण है।
 
उन्होंने कहा कि आयोग दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय के सीपीआईओ को निर्देश देता है कि वे ‘श्रीमान नरेंद्र दामोदर मोदी’ के नाम की वर्ष 1978 (दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक) और 1983 (गुजरात विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर) डिग्रियों से संबंधित सूचना की सर्वश्रेष्ठ संभव खोज करे और उसे अपीलकर्ता केजरीवाल को जल्द से जल्द मुहैया कराए।
 
दरअसल, यह मामला तब उठा था जब सीआईसी के दो पूर्ववर्ती आदेश और केजरीवाल ने आचार्युलू को एक तीखा पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह आरटीआई आवेदनकर्ताओं की ओर से मांगी गई सूचना साझा करने को तैयार हैं। सीआईसी को प्रधानमंत्री की शैक्षिक योग्यता का खुलासा करने का भी आदेश देना चाहिए।
 
हंस राज जैन के मामले में जिसने 1978 में नरेंद्र मोदी के नाम वाले उत्तीर्ण छात्रों की जानकारी मांगी थी, दिल्ली विश्वविद्यालय ने दावा किया था कि जब तक उसे अनुक्रमांक मुहैया नहीं कराया जाता लाखों बाहरी छात्रों में से पता लगाना संभव नहीं होगा।
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