अरुण जेटली को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई, निगम बोध घाट पर पंचतत्व में विलीन
नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली का रविवार को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ यहां निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और उनके सैकड़ों प्रशंसक तथा पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
जेटली के बेटे रोहन ने चिता को मुखाग्नि दी। 66 वर्षीय जेटली का शनिवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान निधन हो गया था। उन्हें 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी, पार्टी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर, भाजपा सांसद विजय गोयल और विनय सहस्रबुद्धे, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कपिल सिब्बल निगम बोध घाट पर मौजूद रहे।
महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, बिहार और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्रमश: देवेंद्र फड़णवीस, विजय रूपाणी, बीएस येदियुरप्पा, नीतीश कुमार और त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अंतिम संस्कार में मौजूद रहे। इससे पहले दिन में उनके पार्थिव शरीर को भाजपा मुख्यालय ले जाया गया। वहां से फूलों से सजी तोपगाड़ी में पार्थिव शरीर निगम बोध घाट लाया गया। इस दौरान आकाश 'जेटलीजी अमर रहें' के नारों से गुंजायमान हो गया।
भाजपा कार्यकर्ता और शोकाकुल लोग सुबह से ही भाजपा मुख्यालय के बाहर जेटली को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कतार में खड़े थे। यमुना नदी के किनारे निगम बोध घाट की ओर से जाने वाली सड़कें जेटली को याद करने वाले पोस्टरों से पटी हुई थीं।