नोटबंदी के बाद कर वसूली में खासी वृद्धि
केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ने को लेकर विपक्ष और अन्य द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर जवाब देते हुए सोमवार को कहा कि नोटबंदी के बाद करों की वसूली में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है।
जेटली ने यहां मीडिया से बातचीत में नोटबंदी के बाद करों की वसूली में बढ़ोतरी के आंकड़े देते हुए कहा कि सीमा शुल्क में मामूली गिरावट के अलावा अन्य क्षेत्रों में खासा इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि करों की वसूली के संबंध में अभी यह त्वरित अनुमान है और 2017-18 के बजट में वास्तविक आंकड़े रखे जाएंगे।
सरकार 1 फरवरी को 2017-18 का आम बजट पेश करेगी। जेटली ने बताया कि दिसंबर महीने में सोने का आयात घटने से सीमा शुल्क की प्राप्ति में छह प्रतिशत की कमी आई है। देश में सोने का बड़ी मात्रा में आयात होता है और इसके घटने की वजह से सीमा शुल्क पर असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद ज्यादातर राज्यों के मूल्यवर्द्धित कर संकलन में बढ़ोतरी हुई है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में पहले की इसी अवधि की तुलना में प्रत्यक्ष कर वसूली 12.01 प्रतिशत अधिक रही। सेवा कर और अप्रत्यक्ष कर की प्राप्ति में क्रमश: 23.9 और 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान सीमा शुल्क 4.1 प्रतिशत और उत्पाद शुल्क 43 प्रतिशत अधिक रहा। दिसंबर 2016 में उत्पाद शुल्क 31.6 प्रतिशत, अप्रत्यक्ष कर 2.8 प्रतिशत और सेवा कर 12.4 प्रतिशत अधिक रहा।
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद के पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों में वृद्धि दर पहले के अनुमानित 7.6 प्रतिशत की तुलना में 7.1 प्रतिशत रह जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है। विपक्षी दल नोटबंदी की वजह से लोगों को हो रही दिक्कतों और अर्थव्यवस्था पर इसके कुप्रभाव को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 नवम्बर को 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद किए जाने की घोषणा की थी। पेट्रोल पम्पों पर कार्ड भुगतान को लेकर उठे विवाद पर जेटली ने कहा कि इस मसले को जल्दी सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस मसले पर पेट्रोलियम मंत्रालय और बैंकों के संपर्क में हैं। पेट्रोल डीलर्स ने कार्ड के जरिये भुगतान पर बैंकों द्वारा एक प्रतिशत प्रभार की वसूली के फैसले की वजह से आज से इसे स्वीकार करने से मना कर दिया था किन्तु सरकारी तेल विपणन कंपनियों के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल यह मामला टल गया है।
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ा : चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने में प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.01 प्रतिशत बढ़कर 5.53 लाख करोड़ रुपए पर तथा अप्रत्यक्ष कर संग्रह 25 प्रतिशत बढ़कर 6.30 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 में दिसंबर तक कुल 5.53 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ है जो पूरे वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान का 65.3 प्रतिशत है। साथ ही यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले पहले नौ महीने की तुलना में 12.01 प्रतिशत अधिक है। कॉर्पोरेट से प्राप्त आयकर में 10.71 प्रतिशत तथा व्यक्तिगत आयकर में 21.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इसमें रिफंड की गई राशि घटा देने पर कॉर्पोरेट से प्राप्त शुद्ध कर संग्रह 4.4 प्रतिशत तथा व्यक्तिगत आयकर संग्रह 24.6 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल अप्रैल-दिसंबर के दौरान 1,26,371 करोड़ रुपए का रिफंड दिया गया जो वित्त वर्ष 2015-16 की समान अवधि की तुलना में 30.5 प्रतिशत ज्यादा है।
आलोच्य अवधि में अग्रिम कर भुगतान 14.4 प्रतिशत बढ़कर 2.82 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसमें कॉर्पोरेट द्वारा जमा कराया गया अग्रिम कर 10.6 प्रतिशत तथा व्यक्तिगत आय पर जमा कराया गया अग्रिम कर 38.2 प्रतिशत बढ़ा है।