शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. arun jaitley again sues arvind kejriwal for Rs 10 crore
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 22 मई 2017 (12:35 IST)

अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल पर ठोका एक और 10 करोड़ रुपये की मानहानि का केस

अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल पर ठोका एक और 10 करोड़ रुपये की मानहानि का केस - arun jaitley again sues arvind kejriwal for Rs 10 crore
दिल्ली के हाईकोर्ट में केंद्रीय वित्तमंत्री और रक्षामंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि का एक चर्चित केस चल रहा है। यह केस अरुण जेटली ने आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य चार नेताओं के खिलाफ दायर किया है। इस बीच उन्होंने सोमवार को केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी की गलती के कारण एक और 10 करोड़ रुपए की मानहानि का केस ठोक दिया है। 
 
उल्लेखनीय है कि अरुण जेटली ने यह केस अरविंद केजरीवाल की ओर से केस लड़ रहे देश के जाने-माने वकील राम जेठमलानी की जिरह के दौरान अरुण जेटली को अपशब्द कहे जाने के बाद दर्ज कराया है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी की कोर्ट में अरुण जेटली पर की गई कई टिप्पणियों को निंदात्मक करार दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर इस प्रकार की भाषा का प्रयोग करने के लिए अरविंद केजरीवाल की ओर से कहा गया है तब इस मामले में बहस को आगे लेने जाने का कोई फायदा नहीं है।
 
यह सुनवाई राघव चड्ढा की एक अपील पर हुई थी जिसमें अरुण जेटली के वकीलों ने यह मामला उठाया। मामले के जज मनमोहन ने कहा कि ऐसे में पहले केजरीवाल को आकर अपने आरोपों पर बयान देना चाहिए। यह पूरा मामला तब प्रकाश में जब अरुण जेटली की ओर से बहस के लिए आए वकीलों ने कोर्ट से कहा कि पहले यह साफ हो जाना चाहिए कि जिस भाषा का प्रयोग राम जेठमलानी कर रहे हैं क्या वह अरविंद केजरीवाल की सहमति से हो रहा है।
 
उन्होंने यह भी कहा कि राम जेठमलानी यह कह चुके हैं कि वह जो कह रहे हैं वो अरविंद केजरीवाल की तरफ से कह रहे हैं। जेटली के वकीलों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अगर ऐसी भाषा का प्रयोग करने की इजाजत अरुण जेटली के खिलाफ दी है तो फिर एक और 10 करोड़ का मानहानि का केस दायर किया जाएगा।
 
इसके बाद जज मनमोहन ने लताड़ लगाते हुए साफ कहा कि जब पहले ही मानहानि का केस चल रहा है तब इस प्रकार से भाषा का प्रयोग कर किसी का अपमान नहीं किया जा सकता है। कोर्ट में जज ने कहा कि अगर ऐसा ही किसी रेप के केस में हुआ होता तो यह पीड़ित के प्रताड़ना के बराबर होता। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि पीड़ित के वकील इस मामले में दूसरा केस भी कर सकते हैं।
 
कोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार के सामने अरुण जेटली का क्रास-इक्जामिनेशन करते हुए राम जेठमलानी ने क्रूक (धोखेबाज) शब्द का प्रयोग किया था। इसके बाद जेटली और जेठमलानी में तीखी बहस हुई। दोनों की वकीलों की टीम में भी तीखी बहस हुई मामले को आगे के लिए टालना पड़ा है।
 
कोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर केजरीवाल को सफाई देने के लिए पहले ही बुलाया है। केजरीवाल के एडवोकेट ने ऑन रिकॉर्ड ने कोर्ट में साफ कह दिया है कि इस मामले में केजरीवाल की ओर से इस प्रकार के शब्दों के प्रयोग के लिए नहीं कहा गया है। जबकि राम जेठमलानी ने कोर्ट में कहा था कि इस प्रकार के क्रॉस इक्जामिनेशन के लिए उन्हें केजरीवाल से इजाजत मिली है। इसका सही खुलासा अब केजरीवाल के कोर्ट में बयान के बाद ही हो पाएगा।
 
उधर, मामले में एक कानूनी पेंच यह भी फंसा है कि क्या कोर्ट में हुए इस प्रकार की भाषा के इस्तेमाल पर केस किया जा सकता है या नहीं। अभी इस पर कुछ भी साफ नहीं है। इतना जरूर है कि राम जेठमलानी की बात यदि सही निकली तो केजरीवाल एक और केस झेलेंगे और अगर गलत निकली तो जेठमलानी ने वकीलों के नियमों का उल्लंघन किया है। 
 
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर डीडीसीए में पद पर रहने के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और लगातार कई मंचों से कई सौ करोड़ के घोटाले के आरोप लगाते रहे। बिना सबूत लगातार आरोप लगाने पर अरुण जेटली ने उन्हें पहले तो मानहानि का केस करने की चेतावनी दी। इस चेतावनी को अरविंद केजरीवाल एंड टीम ने एक धमकी के तौर पर लिया और चुनौती पेश की कि वह कोर्ट जाएं वहां पर अपने आप केस से जुड़े आरोपों की सच्चाई सामने आ जाएगी।
 
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस चुनौती को स्वीकार किया और कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया। अब इस मामले में पिछले कई महीनों से सुनवाई जारी है। अरविंद केजरीवाल की ओर से इस केस में देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी ने केस में पैरवी कर रहे हैं जबकि अरुण जेटली की ओर से राजीव नायर और संजीव सेठी पैरवी कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें
गीता की पढ़ाई अनिवार्य वाला विधेयक संसद के अगले सत्र में