भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने प्रियंका गांधी को दिया बैग, इस पर 1984 लिखा
aparajita sarangi gift to priyanka gandhi : धक्का मुक्की से 2 भाजपा सांसदों प्रताप चंद्र सांरगी और मुकेश राजपूत के घायल होने के मामले में संसद में लगातार दूसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। इस बीच ओडिशा की भाजपा सांसद अपराजिता सांरगी ने शुक्रवार को संसद परिसर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को एक बैग गिफ्ट किया। इस पर 1984 लिखा हुआ था।
ALSO READ: राहुल गांधी पर FIR, कितनी हो सकती है सजा?
भुवनेश्वर से भाजपा सांसद अपराजिता ने प्रियंका को जो बैग दिया है, उस पर लाल रंग से 1984 लिखा हुआ है। इस पर खून के छींटे भी हैं, जो 1984 के दंगों की याद दिलाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रियंका गांधी ने यह बैग स्वीकार कर लिया है लेकिन कुछ नहीं कहा। वह बैग लेकर चली गईं।
इसे प्रियंका की बैग डिप्लोमैसी को भाजपा का जवाब माना जा रहा है। अपराजिता प्रियंका को यह बैग गिफ्ट कर उन्हें 1984 में सिखों पर हुए अत्याचार की याद दिला रही थी।
प्रियंका ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि मोदी सरकार डरती है। ये सरकार अडानी पर चर्चा से डरती है। अब उन्होंने जो किया है, उनके मन में अंबेडकर जी के प्रति जो असली भावना थी वो सामने आ गई है। इसलिए अब वे विपक्ष से डर रहे हैं, क्योंकि अब हम इस मुद्दे को उठा रहे हैं। हमारा संविधान अंबेडकर जी की देन है। उनका अपमान ये हिंदुस्तान नहीं सहेगा। हालांकि उन्होंने बैग के संबंध में कुछ नहीं कहा।
उल्लेखनीय है कि वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी इन दिनों अपने बैग्स के माध्यम से लगातार संदेश दे रही है। वे 10 दिसंबर को एक बैग लेकर संसद पहुंची थी इस पर मोदी अडाणी भाई भाई लिखा था। इसके बाद वे फिलिस्तीन का बैग लेकर संसद पहुंची। इस बैग पर फिलिस्तीन को दर्शाते उसके कुछ प्रतीक और चिह्न भी छपे हुए थे। बांग्लादेश लिखे बैग लेकर संसद पहुंची। इस बैग पर लिखा था कि बांग्लादेश के हिंदुओं और ईसाइयों के साथ खड़े हो।
क्या हुआ था 1984 में : 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों में देश भर में 3500 से ज्यादा सीखों की हत्या कर दी गई थी। इन दंगों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजीव गांधी ने कहा था कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो पृथ्वी भी हिलती है। 17 दिसंबर 2018 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद और अन्य आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई थी।