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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 1 जुलाई 2024 (19:47 IST)

नए कानूनों को लेकर अमित शाह ने विपक्षी दलों से की यह अपील, बोले- कानूनों का बहिष्कार करना समाधान नहीं

नए कानूनों को लेकर अमित शाह ने विपक्षी दलों से की यह अपील, बोले- कानूनों का बहिष्कार करना समाधान नहीं - Amit Shah's statement on new laws
Amit Shah's statement on new laws : विपक्षी दलों के नेताओं के विरोध के बीच सोमवार से नए आपराधिक कानून लागू होने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों से अपनी शिकायतों पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलने को कहा। साथ ही कहा कि वह विपक्षी दलों के सदस्यों के सुझाव सुनने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, कानूनों का बहिष्कार करना समाधान नहीं है। राजनीति करने के और भी कई तरीके हैं।
शाह ने विपक्षी नेताओं के विरोध के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, मैं किसी से भी मिलने के लिए तैयार हूं। हम मिलेंगे और समीक्षा भी करेंगे। लेकिन, कृपया (इस मुद्दे पर) राजनीति न करें। शाह ने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि तीन नए आपराधिक कानून कठोर और दमनकारी हैं।
 
ये कानून पुलिसबलों की जवाबदेही तय करते हैं : उन्होंने कहा कि ये कानून आधुनिक हैं, पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा करने के साथ ही पुलिस बलों की जवाबदेही तय करते हैं। गृहमंत्री ने कहा कि विपक्ष के आरोप संकीर्ण और घिसे-पिटे हैं, जिनका उद्देश्य लोगों को गुमराह करना है। उन्होंने कहा कि ये कानून दोनों सदनों में बहस और संसदीय समिति द्वारा पड़ताल के बाद पारित किए गए हैं।
शाह ने कहा कि राजनीतिक रंग वाले सुझावों को छोड़कर विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए अधिकांश सुझावों को स्वीकार कर लिया गया। नए कानूनों के हिंदी नामों के खिलाफ तमिलनाडु के सांसदों के विरोध के बारे में पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि ये कानून तमिल भाषा में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि ये कानून संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध सभी भाषाओं में उपलब्ध होंगे।
 
राजनीति करने के और भी कई तरीके हैं : शाह ने कहा, अगर उन्हें नाम को लेकर कोई आपत्ति है, तो वे मुझसे मिलकर अपनी बात रख सकते हैं। न तो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और न ही इन सांसदों ने मुझसे मिलने का समय मांगा है। उन्होंने कहा, मैं सभी से अपील करता हूं कि अगर आपकी कोई शिकायत है या आपको लगता है कि ये कानून लोगों की सेवा नहीं कर सकते, तो मुझसे मिलें। कानूनों का बहिष्कार करना समाधान नहीं है। राजनीति करने के और भी कई तरीके हैं।
 
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 सोमवार से पूरे देश में लागू हो गए। इन तीनों कानूनों ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।
भाजपा नेता संविधान का आदर करने का दिखावा कर रहे : वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, चुनाव में राजनीतिक एवं नैतिक झटके के बाद (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के नेता संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहे हैं, पर सच तो यह है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वे 146 सांसदों को निलंबित कर जबरन पारित किए गए। उन्होंने कहा कि 'इंडिया' गठबंधन अब ये बुलडोज़र न्याय संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour