पिघल कर 10 से 12 फुट का हुआ अमरनाथ हिमलिंग, 2 माह पहले 22 फुट का था
बढ़ती गर्मी और ग्लोबल वार्मिंग के चलते श्रावण पूर्णिमा से पहले ही पिघल जाता है
amarnath himling : बढ़ती गर्मी और ग्लोबल वार्मिंग ने 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बनने वाले हिमलिंग के अस्तित्व के लिए इस बार भी खतरा बढ़ा दिया है। इससे हिमलिंग के वक्त से पहले गायब होने की आशंका है। करीब 2 माह पहले हिमलिंग करीब 20 से 22 फुट का था। अब इसकी ऊंचाई 11 से 12 फुट के बीच रह गई है।
श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के बकौल, करीब 2 माह पहले हिमलिंग अपने पूरे आकार में था। यह करीब 20 से 22 फुट का था। और अब इसकी ऊंचाई 11 से 12 फुट के बीच रह गई है। उनके मुताबिक, यह अब तेजी से पिघल रहा है। दरअसल इस बार पूरी दुनिया में गर्मी ने जो कहर बरपाया अमरनाथ यात्रा का प्रतीक हिमलिंग भी उससे अछूता नहीं रहा है।
हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि हिमलिंग तेजी से पिघल रहा हो बल्कि पिछले कई सालों से यह देखने को मिल रहा है हिमलिंग यात्रा के आरंभ होने के कुछ ही दिनों के उपरांत पूरी तरह से पिघल जाता रहा है। हालांकि तब इसके लिए ग्लोबल वार्मिंग के साथ साथ उन लाखों भक्तों की सांसें भी जिम्मेदार होती थीं जो दर्शनार्थ गुफा तक पहुंचते थे।
विशेषज्ञों के मुताबिक अमरनाथ ग्लेशियरों से घिरा है। ऐसे में अक्सर वहां ज्यादा लोगों के वहां पहुंचने से तापमान के बढ़ने की आशंका बनी रहती है। जिससे ग्लेशियर जल्दी पिघलते हैं। साल 2016 में भी भक्तों की ज्यादा भीड़ के अमरनाथ पहुंचने से हिमलिंग तेजी से पिघल गया था। आंकड़ों के मुताबिक उस वर्ष यात्रा के महज 10 दिन में ही हिमलिंग पिघलकर डेढ़ फीट के रह गए थे। तब तक महज 40 हजार भक्तों ने ही दर्शन किए थे।
साल 2016 में प्राकृतिक बर्फ से बनने वाला हिमलिंग 10 फीट का था। जो अमरनाथ यात्रा के शुरूआती सप्ताह में ही आधे से ज्यादा पिघल गया था। ऐसे में यात्रा के शेष 15 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्धालु हिमलिंग के साक्षात दर्शन नहीं कर सके थे।
साल 2013 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान हिमलिंग की ऊंचाई कम थी। उस वर्ष हिमलिंग महज 14 फुट के थे। लगातार बढ़ते तापमान के चलते वे अमरनाथ यात्रा के पूरे होने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2013 में हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण तापमान में वृद्धि था। उस वक्त पारा 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था।
साल 2018 में भी बाबा बर्फानी के तेजी से पिघलने का सिलसिला जारी रहा था। 28 जून से शुरू हुई 60 दिवसीय इस यात्रा में एक महीने बीतने पर करीब दो लाख 30 हजार यात्रियों ने दर्शन किए थे। मगर इसके बाद दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का बाबा बर्फानी के साक्षात दर्शन नहीं हुए। बाबा दर्शन देने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। इस बार भी भीषण गर्मी कहें या ग्लोबल वार्मिंग अपना रूप जरूर दिखा रही है।
अमरनाथ यात्रा का ट्रायल रन : 2 दिनों के बाद आरंभ होने जा रही वार्षिक अमरनाथ यात्रा पर मंडराते आतंकी खतरे के बीच इसकी कामयाबी के लिए प्रदेश में कई स्थानों पर यात्रा के जत्थों को सुरक्षित भिजवाने की खातिर सफर ट्रायल रन आयोजित किए गए। हालांकि तत्काल पंजीकरण आज से चालू होने के बाद अधिकारियों को उम्मीद है कि इसमें शिरकत करने वालों की संख्या और बढ़ेगी।
Edited by : Nrapendra Gupta