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Last Updated : रविवार, 17 जुलाई 2022 (20:51 IST)

Sri Lanka crisis : मंगलवार को होगी सर्वदलीय बैठक, सीतारमण, जयशंकर सांसदों को देंगे जानकारी

Sri Lanka crisis : मंगलवार को होगी सर्वदलीय बैठक, सीतारमण, जयशंकर सांसदों को देंगे जानकारी - All party meeting to be held on Tuesday on Sri Lanka crisis
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने श्रीलंका संकट पर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर वहां की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे।भारत ने श्रीलंका को आश्वासन दिया कि वह राजनीतिक संकट और आर्थिक उथल-पुथल के बीच देश में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का समर्थन करना जारी रखेगा।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी दी। संसद के मानसून सत्र से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान तमिलनाडु के दलों द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने भारत से पड़ोसी देश के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की, जो एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।

द्रमुक और अन्नाद्रमुक दोनों ने श्रीलंका और खासकर उस देश में तमिल आबादी की स्थिति से संबंधित मुद्दे को उठाया। बैठक के बाद द्रमुक नेता एम थंबीदुरई ने कहा कि भारत को श्रीलंका संकट के समाधान के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। द्रमुक नेता टी आर बालू ने भी श्रीलंका की मौजूदा स्थिति के समाधान में भारत के हस्तक्षेप की मांग की।

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि सरकार मंगलवार को श्रीलंका की स्थिति पर एक सर्वदलीय बैठक करेगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और एस. जयशंकर करेंगे। श्रीलंका पिछले सात दशकों में सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जहां विदेशी मुद्रा की कमी के कारण भोजन, ईंधन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं के आयात में बाधा आ रही है। सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद आर्थिक संकट ने देश में एक राजनीतिक संकट को भी जन्म दिया।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने 16 जुलाई के एक कार्यालय ज्ञापन का हवाला देते हुए कहा कि वित्त और विदेश मंत्रालयों द्वारा हालात से अवगत कराने के लिए बैठक संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन 19 जुलाई की शाम के लिए निर्धारित की गई है। अधिकारी ने कहा कि बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदन के नेता शामिल होंगे।

मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा। भारत ने श्रीलंका को आश्वासन दिया है कि वह अभूतपूर्व राजनीतिक संकट और आर्थिक उथल-पुथल के बीच देश में लोकतंत्र, स्थिरता और आर्थिक सुधार का समर्थन करना जारी रखेगा।

श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने शनिवार को उनसे मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिया। यह बैठक अध्यक्ष अभयवर्धने द्वारा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे को स्वीकार करने के एक दिन बाद हुई।

सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शनों के बाद गोटबाया राजपक्षे को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। राजपक्षे (73) श्रीलंका छोड़कर बुधवार को मालदीव गए और फिर गुरुवार को सिंगापुर पहुंचे। उन्होंने शुक्रवार को इस्तीफा दिया था।

भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका को करीब 2.2 करोड़ की अपनी आबादी की बुनियादी जरूरतें पूरा करने के लिए अगले छह महीनों में पांच अरब डॉलर की जरूरत है। पिछले कई महीनों से देश में जरूरी सामानों और ईंधन की किल्लत बनी हुई है।(भाषा)
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