अब भारत में बनेगी AK-203 राइफल, रूस के साथ एक बड़ा समझौता
मास्को/नई दिल्ली। रूस ने कहा है कि वह भारतीय रक्षा मंत्रालय और रक्षा उद्योग के साथ मिलकर भारत में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी कड़ी में भारत में अत्याधुनिक एके 203 राइफल बनाने के लिए दोनों देशों के बीच संयुक्त उपक्रम की स्थापना पर जल्द ही सहमति बन जाएगी।
रूस की 3 दिन की यात्रा पर गए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज अपने रूसी समकक्ष जनरल सर्गेई शोइगू के साथ विभिन्न मुद्दों पर द्विपक्षीय बैठक की। लगभग 1 घंटा चली इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर विस्तार से चर्चा की गई। सिंह शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के रक्षामंत्रियों की बैठक में भी शामिल होंगे। ALSO READ: चीन के आक्रामक रुख और पाकिस्तान के दुस्साहस को जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार : CDS जनरल बिपिन रावत
दोनों पक्षों ने भारत में एके 203 अत्याधुनिक राइफल बनाने के लिए स्थापित किए जाने वाले संयुक्त उपक्रम से संबंधित बातचीत में अत्यधिक प्रगति और इसके जल्द अंजाम तक पहुंचने की संभावना पर खुशी जाहिर की। इस राइफल को पैदल सेना के लिए सबसे अत्याधुनिक हथियार के रूप में देखा जा रहा है। इस संयुक्त उपक्रम को मेक इन इंडिया कार्यक्रम में रूस की भागीदारी के लिए काफी सकारात्मक माना जा रहा है।
बातचीत के दौरान रूसी रक्षा मंत्री ने कहा कि रूसी रक्षा उद्योग भारत के रक्षा मंत्रालय तथा रक्षा उद्योग के साथ मिलकर 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही रूस अगले वर्ष फरवरी में आयोजित किए जाने वाले एयरो इंडिया शो में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेगा। सिंह ने जनरल शोइगू को इस वर्ष के अंत में तकनीकी और सैन्य सहयोग पर होने वाले अंतर सरकारी आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए भारत आने का न्योता भी दिया।
बातचीत के दौरान इस बात का भी उल्लेख किया गया कि दोनों देशों की नौसेना अगले 2 दिनों में मलक्का की खाड़ी में ‘इन्द्र नौसैनिक अभ्यास’ में हिस्सा लेंगी। सिंह ने कहा कि इस अभ्यास से हिन्द महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर दोनों देशों साझा हित हैं। साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा के बारे में भी दोनों देशों के रुख में समानता है और उनके बीच सामरिक भागीदारों के रूप में परस्पर विश्वास और भरोसा है।
सिंह ने भारत की रक्षा और सुरक्षा जरूरतों के लिए रूस द्वारा दिए जा रहे निरंतर सहयोग की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि कुछ विशेष हथियारों के लिए रूस की ओर से समयबद्ध तरीके से मदद की जा रही है जिसके लिए भारत आभार प्रकट करता है। रक्षामंत्री के साथ रक्षा सचिव और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मास्को की यात्रा पर हैं। (वार्ता)