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Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 9 जनवरी 2018 (08:39 IST)

शत्रुघ्न सिन्हा का सवाल, क्या भारत ‘बनाना रिपब्लिक’ है...

शत्रुघ्न सिन्हा का सवाल, क्या भारत ‘बनाना रिपब्लिक’ है... - aadhaar row : is India a banana republic asks shatrughan sinha
नई दिल्ली। आधार डेटा में कथित सेंध की खबर को लेकर प्राथमिकी दर्ज किए जाने की आलोचना के बीच सरकार ने कहा कि वह प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर प्रतिबद्ध है। वहीं, भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या लोग ‘बनाना रिपब्लिक’ में रह रहे हैं?
 
भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि आधार ब्यौरे के दुरूपयोग को रेखांकित करने वाली खबर देने वाली पत्रकार को कथित सच्चाई सामने लाने के लिए परेशान किया जा रहा है और पूछा कि क्या देश के लोग किसी 'बनाना रिपब्लिक' में रह रहे हैं। बनाना रिपब्लिक शब्द का इस्तेमाल ऐसे देश के लिए किया जाता है जो राजनीतिक रूप से अस्थिर है।
 
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'यह कैसा न्याय है? क्या केवल प्रतिशोध की राजनीति की जा रही है? यहां तक कि समाज और देश के लिए ईमानदारी से पेश आने वाली जनता को भी परेशान किया जा रहा है।' सिन्हा अलग-अलग मुद्दों पर केंद्र सरकार और भाजपा नेतृत्व की आलोचना करते रहे हैं।
 
उन्होंने घटना के सिलसिले में पत्रकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देने के लिए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया को बधाई भी दी और उम्मीद जताई कि सरकार के सच्चे अधिकारी और खासकर उच्चतम न्यायालय संज्ञान लेकर त्वरित सुधारात्मक उपाय करेगा।
 
पटना साहिब के सांसद ने एक और ट्वीट में कहा, 'आधार में गड़बड़ी एवं उसके दुरूपयोग के बारे में कथित सच्चाई पेश करने के लिए पत्रकार को परेशान किया जा रहा है। क्या हम किसी बनाना रिपब्लिक में रह रहे हैं।' 
 
उल्लेखनी है कि आधार डेटा में कथित सेंध की खबर पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की याचिका पर दिल्ली पुलिस ने एक ‘ओपन एंडेड’ प्राथमिकी दर्ज की है। यूआईडीएआई की शिकायत की कन्फेडरेशन ऑफ न्यूजपेपर एंड न्यूज एजेंसी एंप्लाइज आर्गनाइजेशन्स ने निंदा करते हुए इसे वापस लेने की मांग की।
 
प्रेस की स्वतंत्रता पर इसे हमला बताते हुए कन्फेडरेशन ने कहा कि यूआईडीएआई को दंडात्मक कार्रवाई करने की बजाय खबर में कमियां बतानी चाहिए। यद्यपि शिकायत में आधार डेटा में कथित सेंध की खबर देने वाली ‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्टर समेत चार लोगों के नाम हैं, लेकिन विधि एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्राथमिकी ‘अज्ञात’ लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है।
 
प्रसाद ने अपने ट्वीट में कहा कि सरकार प्रेस की स्वतंत्रता के साथ-साथ भारत के विकास के लिए आधार की सुरक्षा और पवित्रता को कायम रखने को प्रतिबद्ध है। प्राथमिकी अज्ञात लोगों के खिलाफ है। प्रसाद ने कहा कि मैंने यूआईडीएआई को सुझाव दिया है कि वह ट्रिब्यून व इसकी पत्रकार से अनुरोध करे कि वे जांच में पुलिस को हरसंभव सहायता करें ताकि असली अपराधियों का पता लगाया जा सके।
 
उधर, यूआईडीएआई ने कहा कि वह प्रेस की आजादी को लेकर प्रतिबद्ध है और वह इस मामले की जांच में सहयोग के लिए उक्त समाचार पत्र व उसकी पत्रकार से संपर्क करेगा। प्राधिकरण ने ट्वीटर पर लिखा है कि वह इस बारे में ट्रिब्यून अखबार व पत्रकार रचना खैरा से जांच में हरसंभव मदद का आग्रह करेगा।
 
यूआईडीएआई ने एक ट्वीट में कहा कि हम असली अपराधी को पकड़ने के लिए जांच में हरसंभव सहायता देने के लिए @thetribunechd और @rachnakhaira को लिखने जा रहे हैं। अगर ट्रिब्यून और उसकी पत्रकार की ओर से किसी रचनात्मक सुझाव की पेशकश की जाती है तो हम उसकी भी सराहना करते हैं। (भाषा) 
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