दिल्ली से गुजरात तक आग ने ली 38 की जान, हादसों का जिम्मेदार कौन?
fire in delhi and gujarat : दिल्ली से गुजरात तक शनिवार की रात बेहद भारी रही। आगजनी की 3 घटनाओं से हड़कंप मच गया। हादसों की वजह से 38 लोगों की मौत हो गई। गुजरात के राजकोट के गेमिंग झोन में आग लगने से 28 लोगों की मौत हो गई। वहीं दिल्ली के चाइल्ड अस्पताल में 7 बच्चों की मौत हो गई। राजधानी के कृष्णानगर में घर में आग लगने से 3 लोगों की जान चली गई।
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राजकोट हादसे का जिम्मेदार कौन : सीढ़ियों पर वेल्डिंग करते समय अचानक चिंगारी भड़क उठी, हालांकि दूसरी और तीसरी मंजिल पर मौजूद लोगों के लिए बचने का कोई रास्ता नहीं था क्योंकि ऊपर जाने के लिए केवल एक ही सीढ़ी थी। जिससे मरने वालों की संख्या काफी बढ़ गई। कार क्षेत्र के चारों ओर एक हजार से अधिक टायर थे। इसके अलावा 2500 लीटर डीजल होने के कारण आग भीषण हो गई।
राजकोट के गेमिंग झोन बनाने वालों ने निगम की मंजूरी न लेने के लिए राइड सर्टिफिकेट लेकर यहां शेड बना दिया। इसके बाद तीन मंजिला भव्य गेम जोन शुरू कर दिया गया। ये सर्टिफिकेट देने वाले अधिकारी भूमिगत हो गए हैं। गेम जोन के लिए फायर एनओसी भी नहीं ली गई। फायर एनओसी जारी करने की जिम्मेदारी राजकोट नगर पालिका की है। पुलिस ने इस मामले में गेमिंग झोन के मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है। घटना की जांच के लिए SIT गठित की गई है। शहर के सभी गेमिंग झोन बंद कर दिए गए हैं।
गुजरात हाईकोर्ट ने इसे मानव निर्मित आपदा बताते हुए राजकोट नगर निगम से जवाब मांगा है। फायर सेफ्टी को लेकर भी सवाल किए गए हैं।
दिल्ली में 2 हादसों का जिम्मेदार कौन : दिल्ली में न्यू बॉर्न बेबी केअर अस्पताल और कृष्णा नगर स्थित घर में आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें से 7 नवजात है। हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि अस्पताल हादसे में मारे गए उन 7 नवजात का क्या कसूर था? उनके माता-पिता का क्या कसूर था जिन्हें अब यह असहनीय पीड़ा झेलनी पड़ रही है? पुलिस ने बताया कि अस्पताल के मालिक की पहचान नवीन किची के तौर पर की गई है और उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा रही है।
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अभी यह पता नहीं चल सका है कि दोनों स्थानों पर फायर सेफ्टी के क्या इंतजाम थे? हादसे के वक्त अस्पताल में कोई जिम्मेदार अधिकारी था या नहीं। यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या निर्धारित मापदंडों के तहत गर्मी का मौसम आने से पहले अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की जांच-पड़ताल की गई थी या नहीं?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि पूर्वी दिल्ली में बच्चों के एक अस्पताल में आग लगने की घटना हृदय विदारक है और इस मामले में लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि लापरवाही बरतने वाले या गलत काम में लिप्त लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी।
Edited by : Nrapendra Gupta