2जी फैसले पर बवाल, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
नई दिल्ली। सीबीआई की पटियाला हाउस स्थित एक विशेष अदालत द्वारा 2जी घोटाला मामले में सभी आरोपियों को गुरुवार को बरी किए जाने पर सरकार ने कहा है कि इससे कांग्रेस को 'ईमानदारी का तमगा' नहीं मिल जाता। दूसरी ओर कांग्रेस ने केन्द्र की एनडीए सरकार से माफी की मांग की है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यहां संसद परिसर में इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अदालत का फैसला आने के बाद से ही कांग्रेस नेता ऐसा जता रहे हैं, जैसे उन्हें ईमानदारी का तमगा मिल गया हो और अदालत ने उनकी नीति को ईमानदार नीति का प्रमाणपत्र दे दिया हो।
उन्होंने वित्त वर्ष 2007-08 में किए गए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से लेकर 2016 तक के स्पेक्ट्रम आवंटन के आंकड़े पेश करते हुए यह बताने की कोशिश की कि इससे सरकारी खजाने को कितना नुकसान हुआ है। य
यह पूछे जाने पर कि क्या वह मानते हैं कि कोई घोटाला हुआ है, जेटली ने कहा कि उन्होंने सारे आंकड़े और तथ्य मीडिया के सामने रख दिए हैं। जांच तथा अभियोजन एजेंसी अदालत के फैसले का अच्छी तरह अध्ययन करने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगी।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 2जी मामले में गलत तरीके से आवंटन हुआ। नीलामी के जरिए लाइसेंस नहीं बांटे गए। 2008 में 2001 के रेट से लाइसेंस बांटे गए। इससे देश को नुकसान हुआ है, जबकि एनडीए सरकार ने नीलामी की उससे देश को ज्यादा पैसे मिले।
दूसरी और कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में भाजपा की साजिश नाकाम हो गई है। अत: भाजपा को खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसे बयान नहीं देने चाहिए। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि मेरी जीरो लॉस वाली बात सही साबित हुई है। केग ने इस मामले में गलत रिपोर्ट दी थी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने कहा कि इस मामले में आरोप लगाने वालों को माफी मांगनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि इस मामले में केग ने 1.76 करोड़ के नुकसान की आशंका जताई थी साथ ही इस मामले में जारी सभी लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे। (एजेंसी/वेबदुनिया)