डिजिटल भुगतान से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में 28,256 करोड़ रुपए वितरित
नई दिल्ली। डिजिटल भुगतान की मजबूत ढांचागत सुविधा से 30 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 28,256 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता शीघ्रता से उपलब्ध कराई जा सकी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव से गरीबों और जरूरतमंदों को बचाने के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के तहत इसकी घोषणा की थी।
कुछ साल पहले लाभार्थियों के जनधन, आधार और मोबाइल (जेएएम) के जरिए डिजिटल ढांचा तैयार किया गया था। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लाभार्थियों को नकद अंतरण करने में यह कारगर जरिया साबित हुआ है।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार यह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी), सामाजिक सुरक्षा/पेंशन योजनाओं आदि के लिए जरूरी डिजिटल ढांचा उपलब्ध करा रहा है।
कुल 1.70 लाख करोड़ रुपए के पैकेज के तहत 30 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को पहले सप्ताह के दौरान पहली किस्त के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए सहायता पहुंचाई गई। दो और किस्त मई और जून में दी जाएगी।
बयान के अनुसार अगस्त 2014 में शुरू प्रधानमंत्री जनधन योजना का मकसद बैंक सेवाओं से वंचित लोगों तक इसका लाभ पहुंचाना था। 38 करोड़ लोगों ने इस योजना के तहत खाता खोला। करीब 19.86 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों को उनके खाते में 500-500 रुपए डाले गए हैं। इसके तहत 9,930 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं।
कुल वितरण में से 13,855 करोड़ रुपए पीएम-किसान योजना के तहत पहली किस्त के भुगतान के रूप में किए गए। योजना के तहत 8 करोड़ लाभार्थियों में से करीब 6.93 करोड़ को पहली किस्त के रूप में 2,000 रुपए मिले हैं। इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपए दिए जाते हैं।
इसके अलावा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत 2.82 करोड़ बुजुर्गों, विधवा और दिव्यांगों को कुल 1400 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया। इसके तहत प्रत्एक लाभार्थियों को 1000-1000 रुपए दिए गए हैं। (भाषा)