कारगिल विजय दिवस के 25 साल, बहादुर जवानों ने किस तरह चटाई थी दुश्मनों को धूल?
kargil vijay diwas : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1999 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में, शुक्रवार को लद्दाख में कारगिल समर स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। 25 साल पहले 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना के जवानों ने अदम्य शौर्य का परिचय देते हुए भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। इस मिशन को ऑपरेशन विजय नाम दिया गया था।
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करीब 3 महीने चले इस युद्ध में भारत के 562 जवान शहीद हुए और 1363 अन्य घायल हुए थे, जबकि पाकिस्तान के अधिकृत आंकड़ों के अनुसार 600 से ज्यादा सैनिक मारे गए और जबकि 1500 से अधिक घायल हुए।
ऐसी लड़ाई लड़ी भारतीय वीर सपूतों ने कारगिल में
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युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिक 15 हजार फीट ऊपर थे और भारतीय सेना उनसे चार हजार फीट नीचे थी।
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भारतीय सेना ने 9 जून को बाल्टिक क्षेत्र की 2 चौकियों पर कब्जा कर लिया।
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फिर 13 जून को द्रास सेक्टर में तोलोलिंग पर कब्जा जमाया।
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हमारी सेना ने 29 जून को दो अन्य महत्वपूर्ण चौकियों 5060 और 5100 पर कब्जा कर अपना परचम फहरा दिया।
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11 घंटे लड़ाई के बाद पुन: टाइगर हिल्स पर भारतीय सेना का कब्जा हो गया, फिर बटालिक में स्थित जुबर हिल को भी कब्जाया गया।
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कैप्टन विक्रम बत्रा 1999 के कारगिल युद्ध के हीरो थे। उन्होंने पॉइंट 5140 को पाकिस्तानी कब्जे से मुक्त करवाया था।
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26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गए ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक अंजाम देकर भारत भूमि को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था।
इस तरह के हथियारों का उपयोग किया कारगिल युद्ध में
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युद्ध में आर्टिलरी तोप से 2,50,000 गोले और रॉकेट दागे गए थे।
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300 से अधिक तोपों, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चरों से रोज करीब 5,000 बम फायर किए गए थे।
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इस युद्ध में पहली बार बोफोर्स तोपों का प्रयोग किया गया है।
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कारगिल की ऊंचाई समुद्र तल से 16,000 से 18,000 फुट ऊपर है, ऐसे में उड़ान भरने के लिए विमानों को करीब 20,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ना पड़ता है।
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कारगिल युद्ध में मिराज के लिए महज 12 दिन में लेजर गाइडेड बम प्रणाली तैयार की गई थी। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सैनिकों के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 विमानों का प्रयोग किया था।
पीएम मोदी देंगे श्रद्धांजलि : उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, '26 जुलाई, हर भारतीय के लिए बेहद खास दिन है। हम 25वां कारगिल विजय दिवस मनाएंगे। यह उन सभी को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने हमारे देश की रक्षा की। मैं कारगिल समर स्मारक पर जाऊंगा और हमारे बहादुर नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिंकुन ला सुरंग परियोजना का भी काम शुरू होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, यह परियोजना लेह को सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगी और पूरी होने पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी।
बताया जा रहा है कि शिंकुन ला सुरंग चीन और पाकिस्तान की सीमा से दूर है। इस कारण यहां से सेना के वाहनों की गतिविधि की जानकारी दुश्मन को नहीं लग पाएगी।
Edited by : Nrapendra Gupta