शुक्रवार, 26 जुलाई 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Unexploded Bomb From 1999 Kargil War
Last Updated :जम्मू , शुक्रवार, 26 जुलाई 2024 (11:17 IST)

25 साल बाद भी अनफूटे बम कारगिलवासियों को दे रहे हैं दर्द, अभी भी मिल रहे हैं जिंदा बम

25 साल बाद भी अनफूटे बम कारगिलवासियों को दे रहे हैं दर्द, अभी भी मिल रहे हैं जिंदा बम - Unexploded Bomb From 1999 Kargil War
करीब 25 साल पहले हुए कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान द्वारा जब कारगिल कस्बे को बमों की बौछार से पाट दिया गया था तो उनसे बचने की खातिर कारगिलवासियों ने कस्बे को खाली कर दिया था। तब दागे गए और अनफूटे बम अब भी कारगिलवासियों को दर्द दे रहे हैं। इस साल अभी तक 103 तोप के गोलों को बरामद कर नष्ट किया जा चुका है।
 
कारगिल में पिछले साल 16 अप्रैल को ऐसे ही एक बम के विस्फोट से एक 13 साल के बच्चे की मौत हो गई थी और 2 जख्मी हो गए थे। इस घटना के बाद भी इन अनफूटे बमों का डर इसलिए कम नहीं हो पाया है क्योंकि 2 दिनों में 7 ऐसे जिंदा और अनफूटे बमों की 25 साल के बाद बरामदगी ने दहशत फैला दी।
 
सेनाधिकारियों का कहना था कि सुरक्षा सुनिश्चित करने और सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ अंदरूनी इलाकों में बिना फटे आयुध (यूएक्सओ) से मानव जीवन को होने वाले खतरे को खत्म करने के लिए भारतीय सेना ने लद्दाख के कारगिल जिले में 103 विस्फोटकों को नष्ट कर दिया है।
 
भारतीय सेना के लद्दाख स्थित फायर एंड फ्यूरी कोर ने एक्स पर लिखा था कि फॉरएवर इन ऑपरेशन्स डिवीजन के तहत सैपर्स ने नागरिक प्रशासन के साथ घनिष्ठ समन्वय के साथ इस साल 4 जुलाई से 13 जुलाई तक नौ यूएक्सओ को नष्ट कर दिया जबकि 1 जनवरी 2024 से अब तक भारतीय सेना ने कारगिल क्षेत्र में कुल 103 यूएक्सओ को नष्ट कर दिया है।
 
सेना मानती है कि कारगिल जिले के इलाकों में पाकिस्तान के साथ 1999 के युद्ध का बड़ी मात्रा में बिना फूटा गोला-बारूद पड़ा हुआ है। पिछले साल अप्रैल में लद्दाख के कारगिल शहर में एस्ट्रो-फुटबॉल मैदान के पास भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 के युद्ध का एक बिना फटा बम फटने से एक किशोर की मौत हो गई थी और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
कारगिल के कुर्बाथांग में हुए विस्फोट से एयरपोर्ट इलाके में दहशत फैल गई। घायल हुए तीन लड़कों की पहचान अली नकी, मुंतजिर मेहदी और बाकिर के रूप में हुई थी। वे खारजोंग, पश्कुम के रहने वाले थे। हालांकि अस्पताल ले जाते समय बाकिर की मौत हो गई। बिना विस्फोट वाले आयुध विस्फोट की यह पहली घटना नहीं थी। लोगों ने प्रशासन से लोगों की सुरक्षा के लिए सेना की मदद से इस तरह के बिना विस्फोट वाले गोला-बारूद का पता लगाने के लिए इलाके की जांच करने की मांग की है।
 
बच्चे की मौत के बाद लद्दाख के उपराज्यपाल बीडी मिश्रा द्वारा आदेश दिए जाने के उपरांत इलाके में खोज का कार्य चला तो अभी तक 103 अनफूटे गोले बरामद कर उन्हें नष्ट कर दिया गया था। कारगिल युद्ध के 25 सालों के बाद 104 ऐसे अनुफूटे गोले मिलने से कारगिलवासियों में अब दहशत का माहौल है क्योंकि उन्हें लगता है कि अभी भी कई इलाकों में ऐसे सैकड़ों अनफूटे गोले हो सकते हैं।
 
दरअसल, कारगिल कस्बा पाक सेना की मारक दृष्टि में है। कस्बा नीचे है और पहाड़ी पर पाक सेना काबिज है। ऐसे में 1999 के युद्ध में उसने कारगिल को शमशान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। ऐसे में एक बार फिर कारगिल के उन क्षेत्रों में सेना के साथ मिलकर नागरिक प्रशासन तलाशी अभियान चलाने वाला है जहां पाक सेना द्वारा दागे गए गोलों के मिलने की संभावना है और जो इन 25 सालों में फूटे नहीं हैं।