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Last Updated : गुरुवार, 20 जून 2024 (12:05 IST)

भारत से मलावी और जिम्बाब्वे को 2 हजार टन गैर बासमती सफेद चावल का होगा निर्यात

डीजीएफटी ने जारी की अधिसूचना

भारत से मलावी और जिम्बाब्वे को 2 हजार टन गैर बासमती सफेद चावल का होगा निर्यात - 2 thousand tonnes of non-basmati white rice exported to Malawi and Zimbabwe
white rice exported : सरकार ने 2 अफ्रीकी देशों- मलावी और जिम्बाब्वे को 2,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना में कहा है कि निर्यात को राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) के माध्यम से अनुमति दी गई है।
 
हालांकि घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए 20 जुलाई, 2023 से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन अनुरोध पर कुछ देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर निर्यात की मंजूरी है। मलावी दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका में एक स्थलरुद्ध देश है जबकि जिम्बाब्वे एक दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्र है।

 
अधिसूचना के अनुसार दोनों देशों को 1,000 टन गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी गई। डीजीएफटी ने कहा कि एनसीईएल अधिसूचना के माध्यम से मलावी और जिम्बाब्वे को गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात की मंजूरी दी। भारत ने पहले भी नेपाल, कैमरून, कोट डी आइवर, गिनी, मलेशिया, फिलीपींस और सेशेल्स जैसे देशों को ऐसे निर्यात की अनुमति दी है।

 
एनसीईएल एक बहुराज्य सहकारी समिति है। इसे देश की कुछ प्रमुख सहकारी समितियों द्वारा संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जाता है। इन समितियों में गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ), भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको), कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) हैं। जीसीएमएमएफ को अमूल के नाम से जाना जाता है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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