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Last Updated : शनिवार, 11 जून 2022 (11:07 IST)

रांची में हिंसा में 2 की मौत, 11 पुलिसकर्मियों समेत दो दर्जन लोग घायल, इंटरनेट बंद

रांची में हिंसा में 2 की मौत, 11 पुलिसकर्मियों समेत दो दर्जन लोग घायल, इंटरनेट बंद - 2 killed, two dozen people including 11 policemen injured in violence in Ranchi
रांची, पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ निलंबित भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की कथित विवादित टिप्पणी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ द्वारा की गई हिंसा तथा उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में घायल दो दर्जन लोगों में से देर रात दो लोगों की मौत हो गई।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी अधिकारी ने बताया कि हिंसा में दो लोगों की मौत की खबर से पूरे शहर में तनाव व्याप्त हो गया, जिसके मद्देनजर रांची के 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और पूरे रांची जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवं महानिरीक्षक (कार्रवाई) एवी होमकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शुक्रवार को हुई हिंसा और उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में घायल दो लोगों की देर रात मौत हो गई। उन्होंने बताया कि दोनों मृतकों के शव का पोस्टमार्टम कर उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात से राजधानी में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित एवं शांतिपूर्ण है। हालांकि, एहतियाती तौर पर शहर के12 थाना क्षेत्रों में धारा-144 लागू कर निषेधाज्ञा का पालन कराया जा रहा है, ताकि हिंसा और उपद्रव से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि रांची के हिंसाग्रस्त मेन रोड क्षेत्र में त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की दो कंपनियां तैनात की गई हैं, जबकि आसापास के संवेदनशील इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगभग 3,000 सुरक्षाकर्मियों को भेजा गया है।
 
होमकर के मुताबिक आम लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए शनिवार सुबह से दो बार त्वरित कार्रवाई बल एवं अन्य अर्धसैनिक बलों का मेन रोड और आसपास की गलियों में फ्लैग-मार्च निकाला गया। इस बीच राज्य के गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर अफवाहों पर नियंत्रण के लिए शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह 6 बजे तक रांची में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं, जिसे तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है। बता दें कि शुक्रवार की हिंसा में 11 पुलिसकर्मियों समेत दो दर्जन लोग घायल हुए थे, जिनमें से कुछ को गोलियां भी लगी थीं।

गोली से घायल दो लोगों की मौत की खबर है, जिनमें हिंदपीढ़ी इलाके के लेक रोड निवासी 22 वर्षीय मुदस्सिर उर्फ कैफी और लोअर बाजार तर्बला रोड के रहने वाले 24 साल के साहिल शामिल बताए जा रहे हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर में तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने भारी सुरक्षा के बीच दोनों मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है।

रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शहर के सभी 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा बढ़ा दी गई है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे आ‍वश्यक न होने पर घरों से बाहर न निकलें और शांति व्यवस्था बनाए रखें।

मालूम हो कि शुक्रवार को प्रशासन ने रांची के मेन रोड और उसके चारों तरफ 500 मीटर तक के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी थी।

रांची में हुई हिंसा की राज्यपाल रमेश बैस ने निंदा की। उन्होंने देर रात मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से बात कर उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार की हिंसा पर चिंता जताई। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी साजिश का हिस्सा न बनें और शांति व्यवस्था बनाए रखें। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची में हुई हिंसा को राज्य सरकार की विफलता करार दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, राजधानी रांची के मेन रोड में असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ की कड़ी भर्त्सना करता हूं। सरकार वोट बैंक की राजनीति छोड़कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, नहीं तो आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाएं और बढ़ेंगी।

वहीं, रांची के सांसद संजय सेठ ने आरोप लगाया कि गड़बड़ी होने के अंदेशे एवं उपद्रवियों की गतिविधियों की जानकारी होने के बावजूद राज्य सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की, जिसका परिणाम आम लोगों को भुगतना पड़ा।
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