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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated : मंगलवार, 19 जुलाई 2022 (23:33 IST)

अमरनाथ यात्रा में 20 दिनों में 17 यात्रियों की हार्टअटैक से गई जान, 15 बादल फटने से मरे

अमरनाथ यात्रा में 20 दिनों में 17 यात्रियों की हार्टअटैक से गई जान, 15 बादल फटने से मरे - 17 passengers died of heart attack in 20 days in Amarnath Yatra
जम्मू। Amarnath Yatra News : अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं पर कुदरत तो कहर बरपा ही रही है, कुछ का दिल भी दगा दे रहा है। श्रद्धालुओं की मौतों से फिटनेस प्रमाण-पत्र पर सवाल उठने लगे हैं। 20 दिनों में 17 यात्रियों की हार्ट अटैक से मौत हो गई है, वहीं बादल फटने से 15 की जान चली गई।
 
इस बार अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वालों पर कुदरत का कहर बरपा रही है तो यात्रा में शामिल होने वालों का दिल फिर से दगा दे रहा है। नतीजतन यात्रा में शामिल होने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य प्रमाणपत्र शक के घेरे में हैं। यह स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र कहते हैं कि मरने वाले यात्रा में शामिल होने के लिए फिट थे। तो फिर 20 दिनों में 17 की हार्ट फेल होने से मौत कैसे हो गई? अब तक इस साल इस यात्रा के 20 दिनों के दौरान कुल 32 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 17 का हार्ट फेल हुआ था और 15 बादल फटने के कारण मरे थे।
 
43 दिन तक चलने वाली इस यात्रा का समापन 11 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन हो जाएगा। इस यात्रा के 19वें दिन यानी कल 15,007 तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा में पूजा-अर्चना की। गत 29 जून को इस यात्रा के शुभारंभ से लेकर अब तक 2 लाख यात्री अमरनाथ गुफा में बनने वाले हिमलिंग के दर्शन कर चुके हैं।
 
पिछले 20 दिनों की अमरनाथ यात्रा के दौरान कुल 32 लोगों की मौत हुई है और 17 की मौत दिल द्वारा दगा दिए जाने के कारण हुई है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन सभी ने अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र पेश किए थे जिनमें उन्हें अमरनाथ यात्रा के लिए फिट बताया गया था। ऐसे में एक अधिकारी का सवाल था कि ‘सच में वे फिट थे।’
 
इन मौतों को रोकने की खातिर श्राइन बोर्ड ने 75 साल से अधिक आयु वालों की यात्रा पर भी प्रतिबंध लगाया है। खाने पीने के सामान में फास्ट फूड और देसी घी भी प्रतिबंधित है। जहां तक कि स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य किया जा चुका है और इन सबके बावजूद होने वाली मौतें यह जरूर दर्शाती थीं कि सबकी आंखों में धूल झौंकने वाले अभी भी यात्रा में शामिल हो रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि मरने वालों में कम उम्र के लोग भी शामिल थे जो चौंकाने वाला तथ्य है।
अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड द्वारा बार-बार यह प्रचारित किया जाता रहा है कि अमरनाथ यात्रा में वे ही लोग शामिल हों जो शारीरिक तौर पर स्वस्थ हों लेकिन बावजूद इसके इसे मोक्ष प्राप्ति की यात्रा के रूप में प्रचारित करने का परिणाम यह है कि कई बुजुर्ग अपनी उम्र को छुपा कर भी इसमें शामिल हो रहे हैं और सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि ‘नकली’ स्वास्थ्य प्रमाण पत्रों के सहारे उनके द्वारा मोक्ष की तलाश की ला रही है।