गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. 10 big leaders who became the identity of BJP
Written By
Last Updated : बुधवार, 6 अप्रैल 2022 (15:50 IST)

BJP Foundation Day: 10 बड़े नेता जो भाजपा की पहचान बने

BJP Foundation Day: 10 बड़े नेता जो भाजपा की पहचान बने - 10 big leaders who became the identity of BJP
भारतीय जनता पार्टी (BJP) भारत की ऐसी एकमात्र पार्टी है, जिसने केन्द्र में पहली बार 2014 में पूर्ण बहुमत की गैर कांग्रेसी सरकार बनाई। पहले जनसंघ, फिर जनता पार्टी और इसके बाद 1980 में भाजपा अस्तित्व में आई। इस पार्टी का राजनीति‍क सफर काफी रोचक है। इस यात्रा में यूं तो हर छोटे-बड़े कार्यकर्ता का योगदान है, लेकिन कुछ ऐसे भी चेहरे हैं, जो भाजपा की पहचान बने। भाजपा के स्थापना दिवस (BJP Foundation Day) के मौके पर जानते हैं ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में जो भाजपा की पहचान बने...
अटल बिहारी वाजपेयी : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की गिनती भाजपा के शीर्ष नेताओं में होती है। 1980 में जब भाजपा का गठन हुआ तो वे पार्टी के पहले (संस्थापक) अध्यक्ष (1980-86) बने। जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के निधन के बाद 1969 में वाजपेयी भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी चुने गए। 25 दिसंबर, 1924 को वर्तमान मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे वाजपेयी 1957 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनसंघ के टिकट पर वे यूपी के बलरामपुर से पहली बार सांसद बने। अटलजी भाजपा के पहले ऐसे नेता थे, जो प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे। अटलजी के भाषण से प्रभावित होकर एक बार देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि वाजपेयी किसी दिन भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे।
लालकृष्ण आडवाणी : भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार लालकृष्ण आडवाणी एनडीए की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री रहे। 10वीं लोकसभा में वे नेता प्रतिपक्ष भी रहे। अविभाजित भारत के कराची शहर (अब पाकिस्तान) में 8 नवंबर 1927 को जन्मे आडवाणी 1973 में भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 1977 में जनता पार्टी की सरकार में केंद्र में मंत्री बने। 1986 से 90 तक वे भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। सितंबर 1990 में राम मंदिर आंदोलन के तहत उन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली। इस रथयात्रा के बाद ही भाजपा के जनाधार में काफी वृद्धि हुई और अगले कुछ सालों बाद भाजपा केन्द्र में सत्तारूढ़ हुई।
मुरली मनोहर जोशी : डॉ. मुरली मनोहर जोशी 10 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़े। 1957 में वे जनसंघ से जुड़े। 1977 में लोकसभा सांसद बने। 1991 से 1992 तक जोशी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। अयोध्या आंदोलन में भी उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई। अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में वे मानव संसाधन विकास मंत्री भी रहे।
कुशाभाऊ ठाकरे : स्व. कुशाभाऊ ठाकरे आजादी से पहले 1942 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े। उन्होंने संघ के प्रचारक के तौर देश के कई इलाकों में काम किया। आपातकाल के दौरान वे 19 महीने जेल में रहे। 1979 में ठाकरे पहली बार सांसद बने। 1998 से 2000 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
कल्याण सिंह : यूपी में भाजपा के सबसे बड़े नेताओं में शुमार स्व. कल्याण सिंह 1980 में भाजपा के गठन के साथ ही उससे जुड़ गए। 1991 में सिंह को यूपी के मुख्यमंत्री बनाया गया। कल्याण सिंह के कार्यकाल में ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया गया। इसके बाद सिंह को मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा। 1997 में वे एक बार फिर यूपी के मुख्‍यमंत्री बने। उन्हें राजस्थान का राज्यपाल भी बनाया गया।
वेंकैया नायडू : 2002 से 2004 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे एम. वेंकैया नायडू दक्षिण भारत से आने वाले ऐसे भाजपा नेता हैं, जिन्हें उत्तर भारत में भी पसंद किया जाता है। केन्द्र में विभिन्न विभागों के मंत्री रहे नायडू वर्तमान में भारत के उपराष्ट्रपति हैं। 5 अगस्त 2017 को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने गोपालकृष्ण गांधी को पराजित किया था। उनका जन्म जन्म 1 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम में हुआ था।
नरेन्द्र मोदी : 1950 में गुजरात के वडनगर में एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले नरेन्द्र मोदी की गिनती भाजपा के करिश्माई नेताओं में होती है। उनके नेतृत्व में पहली बार केन्द्र में पूरे बहुमत के साथ गैर कांग्रेसी सरकार बनी। मोदी 17 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। वे लंबे समय तक संघ के प्रचारक भी रहे। 1988-89 में वे भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष बनाए गए। लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को सफल बनाने में भी मोदी ने अहम भूमिका निभाई। 2001 में उन्हें गुजरात का मुख्‍यमंत्री बनाया गया। हालांकि 2002 के गुजरात दंगों में उनकी भूमिका पर सवाल भी उठे। वे 2014 तक गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहे। इसके बाद केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री बने। 2019 में भाजपा ने एक बार फिर मोदी के नेतृत्व में जीत हासिल की और वे दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने।
राजनाथ सिंह : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह ने 1977 में पहली बार यूपी विधानसभा का चुनाव जीता। कल्याण सिंह की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे। 1999 में वाजपेयी सरकार में मंत्री बने। सन 2000 में उन्हें यूपी का मुख्‍यमंत्री बनाया गया। 2005 से 2009 एवं 2013-14 में राजनाथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें केन्द्र में गृहमंत्री बनाया गया, जबकि 2019 में उन्हें रक्षामंत्री बनाया गया।
अमित शाह : अमित शाह वर्तमान में नरेन्द्र मोदी सरकार में गृहमंत्री हैं। उन्हें जोड़तोड़ की राजनीति में माहिर माना जाता है। यही कारण है कि उन्हें वर्तमान राजनीति का 'चाणक्य' भी कहा जाता है। वे नरेन्द्र मोदी के सबसे करीबी नेता माने जाते हैं। 2014 से 2020 तक वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
योगी आदित्यनाथ : गोरखनाथ मठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री हैं और उनके नेतृत्व में भाजपा ने दूसरी बार यूपी में सत्ता हासिल की है। उत्तराखंड में पौड़ी गढ़वाल जिले के एक छोटे से गांव पंचूर में 5 जून 1972 को जन्मे योगी गोरखपुर से 5 बार सांसद रह चुके हैं। योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। हिन्दूवादी चेहरा होने एवं उनकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते लोग उन्हें नरेन्द्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में देखने लगे हैं। 
 
इनके अलावा भाजपा की मूल पार्टी जनसंघ से जुड़े नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, भैरोसिंह शेखावत, सिकंदर बख्त, विजया राजे सिंधिया, जना कृष्णमूर्ति आदि ऐसे चेहरे हैं, जिनके कारण भाजपा यहां तक पहुंची है।