Last Modified: मुंबई ,
शनिवार, 18 जनवरी 2014 (17:24 IST)
सामुदायिक नेता के कुप्रबंधन से हुई थी भगदड़-पुलिस
मुंबई। पुलिस की शुरुआती जांच से यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि सामुदायिक नेताओं के कुप्रबंधन और अपने मरहूम रूहानी पेशवा सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन को खिराज-ए-अकीदत पेश करने के लिए आने वाले लोगों की इतनी बड़ी तादाद का अंदाजा लगाने में उनकी नाकामी से भगदड़ मची।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उचित प्रबंधन की कमी और अपने रूहानी पेशवा के आखिरी दीदार के लिए आने वाले अकीदतमंदों की तादाद का अंदाजा लगाने में सामुदायिक नेताओं की नाकामी से यह भगदड़ मची। इस भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि बोहरा समुदाय के नेताओं ने शुक्रवार को हमें सूचित किया कि सैयदना के मकान पर कोई भीड़ जमा नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने बताया कि समुदाय के लोग जनाजे के दौरान शनिवार को अपना खिराज-ए-अकीदत पेश करेंगे और उसी हिसाब से सुरक्षा इंतजाम किए गए।
अधिकारी ने बताया कि बहरहाल, शुक्रवार रात 9 बजे नेताओं ने बिना हमसे संपर्क किए टेक्स्ट मेसेज भेजना शुरू कर दिया कि अकीदतमंदों को उनके मकान सैफी महल पर सैयदना का आखिरी दीदार करने की इजाजत दी जा रही है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमें योजना में तब्दीली की जानकारी मैसेज भेजे जाने के बाद ही दी गई। हमें बताया गया था कि तकरीबन 4 हजार से 5 हजार लोग उनके मकान पर जाएंगे और उसी के अनुरूप सुरक्षा उपाय किए गए, लेकिन जल्द ही यह तादाद 60 हजार पार कर गई।
उन्होंने बताया कि सैफी महल का दरवाजा अचानक खुल रहा था और बंद हो रहा था। शोकाकुल लोगों ने सबसे पहले मकान में प्रवेश करने की कोशिश की। इससे धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
उन्होंने कहा कि इससे पहले पुलिस अनपेक्षित भीड़ के प्रबंधन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंध करती, दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। ऐसे संकेत थे कि कुछ लोगों की मौत भगदड़ से नहीं बल्कि दम घुटने से हुई थी। इस बीच, मुंबई पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने इसकी विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं।
सिंह ने कहा कि मैंने यह निर्धारित करने के लिए जांच के आदेश दिए हैं कि शुक्रवार देर रात वास्तव में क्या हुआ? मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे टेलीविजन पर डॉ. सैयदना का दीदार करें और सड़कों पर नहीं जाएं। (भाषा)