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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 26 सितम्बर 2010 (12:21 IST)

महँगा पड़ा अवयस्क से ब्याह

मिली पशुओं की देखरेख की सजा

अदालत
एक विवाहित व्यक्ति को एक अवयस्क का अपहरण कर उसके साथ ब्याह रचाना महँगा पड़ गया है। अदालत ने इस व्यक्ति को आदेश दिया है कि इस अपराध के बदले में वह एक साल तक घायल और बीमार पशुओं की देखरेख करे।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा कि अदालत आदेश देती है कि दोषी राजपाल को अच्छे व्यवहार के चलते दो साल के समय के लिए 10 हजार रुपए के मुचलके पर परिवीक्षा पर रिहा कर दिया जाए। इसके साथ शर्त ये भी है कि वह एक साल के लिए बीमार और घायल पशुओं की देखभाल करे।

अदालत ने अलीगढ़ के निवासी राजपाल को आदेश दिया कि वह राजा गार्डन स्थित गैर सरकारी संगठन संजय गाँधी एनिमल केयर सेंटर में जाकर सप्ताह के तीन दिन एक-एक घंटे के लिए पशुओं की सेवा करे।

आदेश में कहा गया है कि अगर वह अनुपस्थित होता है या दोषी की ओर से शर्तों में कहीं उल्लंघन होता है, तो उसे दो साल के लिए साधारण कारावास की सजा दी जाएगी।

इसके पहले पेशे से फल विक्रेता और दो बच्चों के पिता 28 वर्षीय राजपाल को अपनी अवयस्क पड़ोसी से शादी करने के आरोप में धारा 363 (अवयस्क का अपहरण करना) और 366 (किसी महिला को शादी करने के लिए बाध्य करते हुए उसका अपहरण करना) का दोषी ठहराया गया था। (भाषा)