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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 6 जुलाई 2014 (15:48 IST)

दबाव का परिणाम था 'बलात्कार पीड़िता का नाम'

सुशील कुमार शिंदे
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नई दिल्ली। संसद में तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा अपने बयान में भंडारा बलात्कार पीड़िताओं का नाम लेना मंत्रालय के अधिकारियों पर काम के भारी दबाव का परिणाम था जिन्होंने यह बयान तैयार किया था और यह कानून के खिलाफ नहीं था। गृह मंत्रालय ने जांच के बाद यह बात कही है।

मंत्रालय के अधिकारियों के स्पष्टीकरण से शिंदे संतुष्ट नहीं थे जिन्हें 1 मार्च 2013 को राज्यसभा में उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने भंडारा बलात्कार घटना के संबंध में पीड़िताओं के नाम का उल्लेख कर दिया था।

राज्यसभा में विपक्ष के तत्कालीन नेता अरुण जेटली के हस्तक्षेप के बाद इसे बयान से हटा दिया गया था।

मंत्रालय के अधिकारियों के स्पष्टीकरण पर उन्होंने लिखा था कि मैं अपनी नाखुशी प्रकट करता हूं। गृह मंत्रालय ने अधिकारियों की इस त्रुटि के संबंध में कोई औपचारिक जांच नहीं कराई थी।

तत्कालीन गृह सचिव आरके सिंह ने संबंधित अधिकारियों से महज स्पष्टीकरण मांगा था जबकि शिंदे ने इस मामले की जांच कराने को कहा था। (भाषा)