Last Modified: नई दिल्ली ,
शनिवार, 28 दिसंबर 2013 (14:15 IST)
अरविंद केजरीवाल ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
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नई दिल्ली। शासन की राजनीति में नए युग की शुरुआत करते हुए अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और भ्रष्टाचारमुक्त सरकार देने का वादा किया। साथ ही उन्होंने कांग्रेस और भाजपा सहित सभी दलों से उनकी सरकार को समर्थन देने की अपील की।
ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित शपथ समारोह के अवसर पर केजरीवाल ने अपने मंत्रियों और पार्टी के लोगों को चेतावनी दी कि वे सत्ता के अहंकार में नहीं आएं। उन्होंने कहा कि हमारा जन्म बड़ी राजनीतिक पार्टियों के अहंकार को खत्म करने के लिए हुआ है। हमें सावधान रहना चाहिए कि कोई अन्य दल को हमें नष्ट करने के लिए पैदा नहीं होना पड़े।
दिल्ली विधानसभा में अगले सप्ताह होने वाले उनकी सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए आम आदमी पार्टी के इस नेता ने कहा कि उनकी पार्टी को इसके गिरने या पारित होने की कोई परवाह नहीं है। हम यहां सत्ता हथियाने नहीं आए हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वास मत प्रस्ताव में हम सफल होते हैं या असफल...। अगर असफल होते हैं तो हम चुनाव का सामना करने को तैयार हैं। हम फिर चुनाव के मैदान में उतरेंगे और जनता हमें भारी बहुमत के साथ जिताएगी।
चेहरे-मोहरे से वास्तविक आम आदमी की छवि को साकार करने वाले केजरीवाल को देखकर कहीं यह महसूस नहीं होता कि विनम्र वाणी और सादा हावभाव वाला यह शख्स दिल्ली की सियासत का चेहरा बदलने की कुव्वत रखता है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ बरसों पहले शुरू की गई अपनी मुहिम को आईआईटी के इस पूर्व छात्र ने धीरे-धीरे एक जन आंदोलन में बदल दिया और राजनीति के दिग्गजों को जब तक उनका खेल समझ में आता, वे सत्ता के गलियारों तक अपनी पहुंच बना चुके थे।
परिवर्तन का सपना लेकर राजनीति में उतरे केजरीवाल अपनी विनम्र वाणी और सहज व्यक्तित्व से राजधानी के लोगों को एक बेहतर आज का सपना दिखाने और नएपन की उम्मीद जगाने में कामयाब रहे और महंगाई, भ्रष्टाचार, लालफीताशाही और नौकरशाही से आजिज मतदाताओं ने 4 दिसंबर को केजरीवाल को अपना नया नेता चुन डाला।
लंबे समय से सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहे जिस केजरीवाल को राजनीति का नौसिखिया कहकर खारिज किया जा रहा था, उसी केजरीवाल ने एक शानदार राजनीतिक शुरुआत करते हुए महज 1 साल की आम आदमी पार्टी के जरिए वर्षों से स्थापित राजनीतिक तंत्र को चुनौती देकर राजनीति में अपनी मजबूत जगह बना ली।
केजरीवाल ने भारतीय राजनीति के खेल के पुराने नियम-कायदों को हटाते हुए इस खेल के नए मापदंड तय किए। भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी के रूप में शुरू हुए इस सामाजिक आंदोलन ने पूरे भारत में मौजूद छात्रों, किसानों, नागरिक अधिकार समूहों, गैरसरकारी संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, महिला समूहों और शहरी युवाओं की असीमित ऊर्जा अपने साथ ले ली। (भाषा)