आँचल इसका खुशियों की फुलवारी
माँ की महिमा
महेन्द्र तिवारी रिश्तों की रवानगी इसमेंममता की हर बानगी इसमेंचरणों में इसके सुख स्वर्ग कानसीब से मिलता है साथ इसकाईश्वर भी, जिसके आगे नतमस्तकइसके आगे फीकी कुदरत की हर नैमतआँचल इसका खुशियों की फुलवारीआनंद भरता इसकी गोद में किलकारी अपनों की फिक्र में बीतता इसका जीवननहीं करती कभी खुद के लिए कोई जतन चाहते हो बनाना जिंदगी को अपनी चमनतो हर लम्हा करते रहो इसे विनम्र नमन।