अंगूठा चूसने की आदत कब शुरू होती है?
अधिकांश बच्चे गर्भावस्था के दौरान ही अंगूठा चूसना शुरू कर देते हैं। वे अपने हाथों को अपने मुंह में रखते हैं और चूसने लगते हैं। यह एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है जो उन्हें शांत और सुरक्षित महसूस कराती है।
जन्म के बाद, बच्चे अंगूठा चूसने की आदत जारी रख सकते हैं। यह आदत उन्हें शांत करने, खुद को सुलाने और तनाव से निपटने में मदद करती है। लगभग 2 से 4 साल की उम्र तक, अधिकांश बच्चे अंगूठा चूसना छोड़ देते हैं।
अंगूठा चूसने के कारण:
1. सुरक्षा और आराम : अंगूठा चूसने से बच्चों को सुरक्षित और आरामदायक महसूस होता है। यह उन्हें तनाव, चिंता और बोरियत से निपटने में मदद करता है।
2. खुद को शांत करना : अंगूठा चूसने से बच्चों को खुद को शांत करने में मदद मिलती है। यह उन्हें रोने या गुस्से से निपटने में मदद करता है।
3. खुद को सुलाना : अंगूठा चूसने से बच्चों को खुद को सुलाने में मदद मिलती है। यह उन्हें सोने से पहले शांत और आरामदायक महसूस कराता है।
4. दांत निकलना : जब बच्चों के दांत निकल रहे होते हैं, तो उनके मसूड़ों में दर्द और खुजली होती है। अंगूठा चूसने से उन्हें इस दर्द और खुजली से राहत मिलती है।
5. कुछ नया सीखना : जब बच्चे कुछ नया सीख रहे होते हैं, तो वे अंगूठा चूसने लग सकते हैं। यह उन्हें शांत और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
अंगूठा चूसने की आदत कब समस्या बन जाती है?
अंगूठा चूसने की आदत आमतौर पर तब तक समस्या नहीं होती जब तक कि बच्चा 4 साल का नहीं हो जाता। लेकिन, अगर बच्चा 4 साल के बाद भी अंगूठा चूसता रहता है, तो यह कुछ समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे:
1. दांतों की समस्या : लगातार अंगूठा चूसने से बच्चों के दांतों की संरचना प्रभावित हो सकती है। इससे दांतों का गलत तरीके से बढ़ना, दांतों का टेढ़ा होना और दांतों के बीच गैप होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
2. भाषण की समस्या : लगातार अंगूठा चूसने से बच्चों के भाषण के विकास में समस्या आ सकती है। इससे बच्चों को कुछ शब्दों का उच्चारण करने में परेशानी हो सकती है।
3. सामाजिक समस्या : लगातार अंगूठा चूसने से बच्चों को सामाजिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दूसरे बच्चे उनका मजाक उड़ा सकते हैं या उन्हें अलग-थलग कर सकते हैं।