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Last Modified: सोमवार, 10 जनवरी 2022 (17:39 IST)

क्या है मकर संक्रांति के वाहन का राज, यहां जानिए आप

क्या है मकर संक्रांति के वाहन का राज, यहां जानिए आप - Vehicle of Makar Sankranti
Makar Sankranti
Makar Sankranti 2022 : इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को शुक्ल, साध्य और ब्रह्म योग के शुभ संयोग में मनाई जाएगी। वहीं मतमतांतर होने के कारण 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति का पर्व भी मानाया जाएगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा। सूर्य के अस्‍त होने पहले जिस दिन सूर्य राशि बदलते है। उसी दिन उसका पर्व मनाया जाता है। इसी के चलते विश्वविजय, निर्णय सागर, चिंताहरण आदि पंचांगों में इस पर्व को 14 जनवरी बताया गया है। उदय तिथि के महत्व के अनुसार 15 जनवरी को लोग संक्रांति का स्नान-दान करेंगे।
 
 
मकर संक्रांति वारयुक्त, नक्षत्र युक्त और वाहन युक्त सहित अन्य कई विशेषताएं लिए होती है जिससे उसके प्रभाव और फल का पता लगता है। इस बार वार अनुसार संक्रांति मिश्रिता और नक्षत्र के अनुसार स्थिर है। आओ जानते हैं इसका फल। शुक्रवार होने के कारण यह संक्रांति मिश्रिता है। रोहिणी नक्षत्र होने के कारण यह संक्रांति ध्रुव प्रकृति अर्थात स्थिर है।
 
 
मकर संक्रांति का वाहन : इस वर्ष संक्रांति का वाहन बाघ, उपवाहन अश्व और हाथों में गदा रूपी शस्त्र है। गमन पूर्व दिशा में होगा, वस्त्र पीला धारण किए हुए, गंधद्रव्य कुमकुम, वय: कुंवारी और पात्र चांदी का है।
 
क्या मिलेगा फल : मकर संक्रांति उन लोगों के लिए लाभकारी है जो लेखन में रुचि रखते हैं और जो पढ़ाई-लिखाई से वास्ता रखते हैं। किसानों और पशु पालकों को लिए यह लाभकारी है। व्यापार में नुकसान, मौसम में उतार चढ़ावा, राजनीति में मनमुटाव बढ़ेगा। संक्रमण वाले रोग बढ़ेंगे और तेल, सब्जी सहित अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे। यह मकर संक्रांति अनिष्‍टकारी नहीं है फिर भी समाज में भय और चिंता का माहौल बना रहेगा। हालांकि महंगाई पर नियंत्रण होने के आसार नज़र आ रहे हैं। यह संक्रांति मिश्रित अर्थात मिलेजुले फल देने वाली है। हालांकि इसके फल में स्थायित्व भी रहेगा। खिचड़ी, कंबल, चप्पल, तिल आदि का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होगी।