महावीर स्वामी के पूर्व भवों का वर्णन
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कल्पसूत्र आदि ग्रंथों में भगवान महावीर के 26 पूर्व भवों का वर्णन है, तिलोयपण्णत्ति आदि ग्रंथों में 32 पूर्व भवों का वर्णन है।2.
कल्पसूत्र के अनुसार भगवान महावीर 72 वर्ष जीवित रहे। उत्तर पुराण के अनुसार वे 72वें वर्ष में कुछ माह तक ही जीवित रहे।
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भगवान महावीर का जन्म स्थान एक परंपरा 'कुंडलपुर' तथा दूसरी परंपरा 'छत्रिय कुंड' मानती है।4.
भगवान महावीर की माता त्रिशला को उत्तर पुराण में राजा चेटक की पुत्री तथा आवश्यक चूर्णि में राजा चेटक की बहन बतलाया गया है।
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