शुक्रवार, 8 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2024
  2. विधानसभा चुनाव 2024
  3. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024
  4. PM Modi election rally in maharashtra dhule
Last Updated : शुक्रवार, 8 नवंबर 2024 (13:06 IST)

महाराष्‍ट्र निवेशकों की पहली पसंद, धुले में लाड़की बहन योजना पर क्या बोले पीएम मोदी?

narendra modi in dhule
PM Modi Maharashtra election rally : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में एक विशाल चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि शिंदे सरकार में महाराष्‍ट्र का गौरव वापस मिला। उन्होंने कहा कि विदेश निवेश के मामले में महाराष्‍ट्र विदेशी निवेशकों की पहली पसंद है। उन्होंने दावा किया कि MVA सरकार बनने पर लाड़की बहन योजना बंद हो जाएगी। 
 
पीएम मोदी ने कहा कि जब भी मैंने महाराष्ट्र से कुछ मांगा है, राज्य के लोगों ने मुझे दिल खोल कर अपना आशीर्वाद दिया है। केवल भाजपा नीत महायुति गठबंधन ही महाराष्ट्र का तेजी से विकास सुनिश्चित करेगा। हम जनता को भगवान का दूसरा रूप मानते हैं, लेकिन कुछ लोग जनता को लूटने के लिए राजनीति में लगे हैं
 
उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी एक ऐसी गाड़ी है जिसमें पहिए और ब्रेक नहीं हैं तथा वहां हर कोई ड्राइवर की सीट पर बैठने के लिए लड़ रहा है। केवल भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ही महाराष्ट्र को वह सुशासन दे सकती है जिसकी उसे जरूरत है। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि पिछले ढाई वर्षों से जारी महाराष्ट्र के विकास की गति को रुकने नहीं दिया जाएगा। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसके साथियों ने ठान लिया है कि अगर उन्हें सत्ता मिली, तो सबसे पहले लाड़की बहन योजना को बंद कर देंगे। इसलिए महाराष्ट्र की हर महिला को इन अघाड़ी वालों से सतर्क रहना है। ये लोग कभी नारीशक्ति की सशक्त होते हुए नहीं देख सकते।   
 
पीएम मोदी ने कहा कि पूरा महाराष्ट्र देख रहा है कि कांग्रेस और अघाड़ी वाले लोग अब महिलाओं को किस तरह गाली देने पर उतर आए हैं। कैसी-कैसी अभद्र भाषा, कैसे-कैसे कमेंट, महिलाओं को नीचा दिखाने की कोशिश। महाराष्ट्र की कोई माता-बहन कभी भी अघाड़ी वालों के इस कृत्य को माफ नहीं कर सकती।
 
उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि हमारी सरकार ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिया है। मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिले, ये दशकों से महाराष्ट्र के लोगों की इच्छा थी। कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र और केंद्र, दोनों जगह एक साथ सरकारें चलाईं। लेकिन, मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा मिले, इन्हें इसकी जरूरत नहीं लगी। इन्होंने हमेशा मराठी भाषा के सम्मान की मांग को अनदेखा किया।