मध्यप्रदेश में कौन बनेगा नया वन मंत्री, रामनिवास रावत की हार के बाद दावेदारी में कई नाम?
भोपाल। विजयपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार और वन मंत्री रामनिवास रावत की हार के बाद अब प्रदेश में नया वन मत्री कौन बनेगा, इस पर चर्चा तेज हो गई है। विजयपुर में हार के बाद वन मंत्री रामनिवास रावत ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है लेकिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विदेश दौरे पर होने के चलते उनके इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। ऐसे में प्रदेश का नया वन मंत्री कौन होगा, यह चर्चा अब सियासी गलियारों में तेज हो गई है। वनमंत्री की दौड़ में मोहन सरकार में शामिल कई मंत्रियों के साथ भाजपा के कुछ वरिष्ठ विधायकों की नजर भी इस पर टिकी है।
विजय शाह को मिलेगी जिम्मेदारी?-डॉ. मोहन यादव कैबिनेट में जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह वन मंत्री के लिए लॉबिंग शुरु कर दी है। पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में केंद्र वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से भेंट की। दरअसल पिछली शिवराज सरकार में वन विभाग विजय शाह के पास था, ऐसे में विजय शाह वरिष्ठता के आधार पर फिर से वन जैसे अहम विभाग की दावेदारी ठोंक रहे है। केंद्रीय वन एवं पर्यावर मंत्री भूपेंद्र यादव से उनकी मुलाकात को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। भूपेंद्र यादव का विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश का प्रभारी होना और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से उनका अच्छा सांमजस्य होना, विजय शाह के पक्ष में जा सकता है।
नागर सिंह चौहान फिर वन विभाग संभालने को तैयार-वहीं रामनिवास रावत से पहले वन विभाग संभाल रहे अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान फिर वन विभाग संभलाने को तैयार नजर आ रहे है। लोकसभा चुनाव के बाद जब रामनिवास रावत को जब सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और तब नागर सिंह चौहान से छीनकर वन विभाग रामनिवास रावत को वन विभाग दे दिया गया था। वन विभाग छीनने के बाद नागर सिंह चौहान ने खुलकर अपनी नाराजगी दिखाई थी और मंत्रिमंडल से इस्तीफे की धमकी थी। हलांकि संगठन की समझाइश के बाद उनके तेवर नरम पड़ गए थे।
वहीं अब रामनिवास रावत चुनाव हार गए तब नागर सिंहं चौहान फिर से वन विभाग संभालने को तैयार है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में संगठन पर्व कार्यशाला में पहुंचे नागर सिंह चौहान से जब मीडिया ने इस पर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री वन विभाग उनको देते है तो वह उसके संभालने को तैयार है।
दिलीप अहिरवार का बढ़ेगा कद?-ऐसे में जब एक साल के अंदर वन विभाग में दो-दो कैबिनेट मंत्रियों की विदाई हो चुकी है तो इसका असर विभाग के कामकाज भी पड़ा है। पिछले दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत के मामले में जिस तरह वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार एक्टिव नजर आए और उन्होंने मुख्यमंत्री को पूरी जमीनी स्थिति से अवगत कराने के साथ पूरे मसले पर डैमेज कंट्रोल का काम किया है, उससे उनका प्रमोशन किया जा सकता है। ऐसे जब विधानसभा का शीतकालीन सत्र होने जा रहा है और सत्र में कांग्रेस बांधवगढ़ में हाथियों की मौत का मुद्दा जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है तब मुख्यमंत्री वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार का प्रमोशन कर सकते है। दरअसल अब तक विधानसभा में वन विभाग से जुड़े सवालों के जवाब देने की जिम्मेदारी दिलीप अहिरवार ही निभा रहे है।
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मंत्रिमंडल विस्तार की भी अटकलें- वही मध्यप्रदेश में सरकार के गठन के एक साल पूरे हो रहे है और मुख्यमंत्री मंत्रियों के फरफॉर्मेंस की समीक्षा करने जा रहे है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें भी लगाई जा रही है। दरअसल मुख्यमंत्री के पास गृह, खनिज, जनसंपर्क और नर्मदा घाटी जैसे अहम विभाग है, जबकि भाजपा के कई सीनियर विधायक मंत्री बनने की राह में है। पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और संजय पाठक के साथ गोपाल भार्गव भी मंत्री बनने की दौड़ में शामिल है।