इंदौर में 101 टीकाकरण केन्द्र, 1 फ्रीजर में स्टोर होंगे 10000 डोज
इंदौर। 16 जनवरी से शुरू होने वाले कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) को लेकर इंदौर में भी तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं। इंदौर में 101 टीकाकरण केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों को भी शामिल किया गया है। एक केन्द्र पर एक दिन में 100 लोगों को टीका लगाया जाएगा।
हुकुमचंद पॉली क्लीनिक के प्रमुख डॉक्टर आशुतोष ने बताया कि 16 जनवरी के वैक्सीनेशन को लेकर हमारी पूरी टीम तैयार है। टीकाकरण को लेकर लिस्टिंग हो चुकी है। एक या दो दिन में सभी को जानकारी मिलना शुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले फेज में मुझे भी वैक्सीन लगने वाली है और इसे लेकर हमारी पूरी टीम में काफी उत्साह है। डॉ. आशुतोष ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही खुशी की बात है और खुशी से बड़ी कोई भी इम्युनिटी नहीं होती।
अस्पताल के ही कोल्ड चेन इंचार्ज नीरज लोधी ने बताया कि 90 लीटर का नया फ्रीज वैक्सीनेशन के लिए अस्पताल को मिला है। यह 18 दिसंबर को यहां आ गया था, लेकिन इसे 7 जनवरी से चालू किया जाएगा। सोमवार को फ्रीज का तापमान वैक्सीन के अनुसार 2 से 8 डिग्री तापमान पर आ गया। लाइट जाने के बाद भी 60 घंटे तक फ्रीज का तापमान उतना ही बना रहेगा। पॉवर सप्लाई से सीधे कनेक्ट होने के कारण फ्रीज में एक से दो मिनट में सप्लाई फिर से शुरू हो जाएगी। फ्रीज के भीतर लगा थर्मामीटर तापमान को बताता है।
उन्होंने बताया कि नए फ्रीजर की कैपेसिटी 90 लीटर की है और इसमें 10 हजार टीकों को सुरक्षित रखा जा सकता है। लोधी ने बताया कि वैक्सीन की सबसे खास बात यह है कि एक बार ओपन होने के बाद इसे दोबारा से स्टोर नहीं किया जा सकता है।
वैक्सीन को फील्ड में भेजने के लिए वैक्सीन बॉक्स का उपयोग किया जाएगा। इसमें चारों ओर आइस पैक रखा जाएगा। इसके साथ में अलग से 6 आइस पैक दिए जाएंगे। कोरोना का टीका सबसे पहले जिले के 26 हजार 400 स्वास्थ्यकर्मियों लगेगा। उन्होंने में बताया कि करीब 3 दिन में सभी हेल्थ वर्करों को टीका लग जाएगा।
इस बीच, कोविड-19 की रोकथाम के लिए इंदौर जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया कि पहले चरण के दौरान डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ समेत करीब 28 हजार स्वास्थ्यकर्मियों को महामारी का टीका लगाया जाना है। उन्होंने बताया कि करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में गत 24 मार्च से लेकर 11 जनवरी तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 56 हजार 704 मरीज मिले हैं। इनमें से 910 मरीजों की मौत हो चुकी है।