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  4. Traditional craftsmanship is the basis of self-reliance and self-dependence: Chief Minister Dr. Mohan Yadav
Last Modified: गुरुवार, 29 मई 2025 (15:55 IST)

पारम्परिक शिल्पकला, आत्मनिर्भरता व स्वावलंबन का आधार है: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

Chief Minister Dr. Mohan Yadav

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए वोकल फॉर लोकल के विचार को साकार करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। यह हमारी पारंपरिक शिल्प कला, लोक कला और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का सशक्त माध्यम है। साथ ही वोकल फॉर लोकल का विचार स्थानीय उत्पादों को पहचान दिलाते हुए कारीगरों की आत्मनिर्भरता और उनके स्वावलंबन के लिए भी प्रभावी है। इस दिशा में ग्राम श्री ट्रस्ट द्वारा क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी के माध्यम से की गई पहल कारीगरों को नई पहचान और अवसर प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव, उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में क्राफ्टरूट्स हस्त शिल्प प्रदर्शनी के भोपाल हाट में शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राजा भोज ने भोपाल और इस संपूर्ण अंचल को विशेष पहचान दी है। इसके साथ ही देश लोकमाता देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मना रहा है। देवी अहिल्याबाई ने महिला स्वावलंबन और महिला सशक्तिकरण के अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। यह प्रदेशवासियों के लिए सौभाग्य का विषय है कि देवी अहिल्याबाई की 300 वीं जयंती पर भोपाल में होने वाले महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पधार रहे हैं। क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी भी महिला स्वावलंबन की दिशा में सार्थक कदम है। इस दृष्टि से इस प्रदर्शनी का शुभारंभ महिला सम्मेलन के आरंभ का प्रतीक ही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न अंचलों के हस्तशिल्प की अपनी विशेष पहचान और आभा है। ऐसी प्रदर्शनियों के माध्यम से क्षेत्रीय स्तर के उत्पादों की ख्याति दूर-दूर तक फैलती है और कारीगरों को अपने व्यवसाय का विस्तार करने का अवसर मिलता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है। बड़े उद्योगों से लेकर कुटीर उद्योगों तक के विस्तार के लिए प्रदेश में गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। प्रदेश में रोजगार परक उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प से बनने वाले उत्पाद प्लास्टिक का प्रभावी विकल्प हो सकते हैं। राज्य सरकारों, संस्थाओं सहित व्यक्तिगत स्तर पर भी इसे प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में हस्तशिल्प को प्रोत्साहित करने के लिए क्राफ्ट यूनिवर्सिटी स्थापित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि कारीगरों को एक राज्य से दूसरे राज्य आने-जाने में यात्रा के लिए राज्य सरकारों द्वारा सहयोग उपलब्ध कराया जाना चाहिए। महेश्वर में स्थापित धागा बैंक का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कारीगरों को उनके कार्यस्थल के आसपास ही कच्चा माल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाना आवश्यक है। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शासकीय अमले की कारीगरों के प्रति संवेदनशीलता, सहयोगी प्रवृत्ति और उनकी समस्याओं के त्वरित समाधान की पहल से हस्तशिल्प को तेजी से प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने मध्यप्रदेश में स्व-सहायता समूह और बालिका शिक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
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