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Last Modified: बुधवार, 8 जून 2022 (05:28 IST)

पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य पर सिंपोजियम

पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य पर सिंपोजियम - Symposium on Environment and Mental Health
इंदौर। मनोचिकित्स एवं मालवांचल यूनिवर्सिटी इंदौर के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. रामगुलाम राजदान द्वारा इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी की एनवायर्नमेंट टास्क फोर्स की तरफ से शहर के सयाजी होटल में एक सिंपोजियम का आयोजन किया गया। इसका विषय था 'पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य'। 
 
इस सिंपोजियम के जो निष्कर्ष सामने आए उनके मुताबिक पर्यावरण की समस्या मनुष्य द्वारा ही पैदा की गई है और मनुष्य द्वारा ही इसका अंत किया जा सकता है। मनोचिकित्सक इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है ऊर्जा की वैकल्पिक व्यवस्था करना, प्रदूषण को कम करना, जंगल को काटने से रोकना और जल संरक्षण करना।
 
कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए डॉ. राजदान ने कहा कि जिस तरह से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, उस पर हमने अभी से ध्यान नहीं दिया तो आने वाले 50 सालों में तापमान इतना बढ़ जाएगा कि मानव जीवन ही संकट में आ जाएगा। यदि हमें पृ्थ्वी को बचाना है तो पर्यावरण का ध्यान रखना होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम बड़ी इंडस्ट्रीज की जगह कुटीर उद्योग लगाएं, पेट्रोल-डीजल वाहनों के स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करें। 
प्रारंभ में सिंपोजियम का उद्‍घाटन मुख्‍य अतिथि एनएन राजू प्रेसीडेंट इंडियन साइकेट्रिक सोसायटी और विशेष अतिथि अनिल भंडारी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। आयोजन में जाने-माने मनोचिकित्सक मुंबई से डॉ. अविनाश डिसूजा, हैदरबाद से डॉ. जी प्रसाद राव, कोलकाता से डॉ. अरबिन्द ब्रह्मा और डॉ. देव परमार ने व्याख्यान दिया। इस कार्यक्रम में देशभर से 250 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया।