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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 12 अगस्त 2021 (15:49 IST)

Special Story: मध्यप्रदेश में शहर दर शहर ‘मौत’ बांटती जहरीली शराब,मिलावटखोरी और तस्करी के पीछे बड़ा कारण महंगी शराब

Special Story: मध्यप्रदेश में शहर दर शहर ‘मौत’ बांटती जहरीली शराब,मिलावटखोरी और तस्करी के पीछे बड़ा कारण महंगी शराब - Special story on deaths due to poisonous and adulterated liquor in Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश में जहरीली शराब लोगों की जिंदगी लगातार लीलती रही है। प्रदेश में नकली और मिलावटखोरी से बन रही जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। कई जिलों में अपना कहर बरपा चुकी जहरीली शराब ने अब प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर में कई लोगों की जिंदगी लील ली है।

इंदौर में एक पखवाड़े में शहर के दो बार में शराब पीने से सात लोगों की संदिग्ध मौत का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब जिले की हीरानगर थाने में तैनात एसआई की शराब पीने के बाद संदिग्ध मौत होने पर हड़कंप मच गया है। मृतक एसआई को एक दिन पहले शराब की दुकान पर देखा जाना बताया जा रहा जिसके बाद आंशका है कि एसआई की मौत जहरीली शराब से हुई है हलांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। 
 
वहीं इससे पहले मंदसौर में भी जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले मुरैना,उज्जैन और रतलाम में जहरीली शराब ने कई की जान ले ली थी। अगर प्रदेश में पिछले एक साल में जहरीली शराब पीने से बड़ी संख्या में मरने वाले मामलों पर गौर करें तो मुरैना में 28, उज्जैन में 16 और रतलाम में करीब 11 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है।
इंदौर में लगातार जहरीली शराब से मौत के मामले में आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में जो खुलासा किया है वह चौंकाने वाला है। पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इंदौर में जहरीली शराब से हुई सात लोगों की मौत मामले में गिरफ्तार पैराडाइज और सपना बार के संचालकों ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि शहर में शराब बारों और दुकानों में नकली शराब धड़ल्ले से बिक रही है। पुलिस की गिरफ्त में आए कारोबारियों का कहना है कि मिलावटी शराब सस्ती पड़ती है जिसके चलते इसे खरीद कर बेचा जाता है। आबकारी विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शराब की तस्करी और मिलावटी शराब की ब्रिकी का सबसे बड़ा कारण मध्यप्रदेश में शराब का सबसे महंगा होना है।
 
मिलावट और तस्करी के पीछे महंगी शराब!-मध्यप्रदेश में जहरीली और मिलावटी शराब की तस्करी और बिक्री का सबसे बड़ा कारण शराब सिंडिकेट है। लाइसेंसी शराब दुकानों पर शराब सिंडिकेट द्धारा मनमाने दामों पर महंगी शराब बेचे जाने से अवैध शराब के कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है। लाइसेंसी दुकानों पर शराब अधिक महंगी होने के चलते अवैध शराब की मांग तेजी से बढ़ रही है।

प्रदेश में पिछले 2 सालों में शराब के दाम आसमान पर पहुंचने के चलते अवैध शराब का कारोबार तेजी से बढ़ा है। एक अनुमान के मुताबिक मिलावटी शराब की बिक्री से शराब तस्कारों को 6 से 8 गुना तक मुनाफा मिलता है। शराब कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो नकली शराब बनाने वाले मात्र 10 ML अल्कोहल मिलाकर खाने वाला कलर मिलाकर 10 लीटर शराब तैयार कर लेते हैं। 
 
MP में पड़ोसी राज्यों से महंगी शराब-मध्यप्रदेश से सटे राज्यों की तुलना में प्रदेश में शराब की कीमतें करीब दो गुना है जिसके चलते पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी भी खूब हो रही है। दिल्ली और उत्तरप्रदेश की तुलना में प्रदेश में शराब की कीमतें डेढ़ से दो गुना अधिक है। मध्यप्रदेश में शराब के रेट पड़ोसी राज्यों से अधिक होने का सबसे बड़ा कारण शराब पर अधिक टैक्स और सेस होना है। 

प्रदेश में बिक्री रही जहरीली शराब के साथ महंगी शराब में मिलावट करने वाले बड़े गिरोह का खुलासा पिछले दिनों राजधानी भोपाल में हुआ। आबकारी विभाग की टीम ने एक ऐसे गिरोह को गिफ्तार किया जो दिल्ली और चंडीगढ़ से सस्ती शराब लाकर राजधानी समेत दूसरे जिलों में मिलावटी शराब की सप्लाई कर रहा था।

इसके साथ राजधानी भोपाल में ही क्राइम ब्रांच ने रेलवे के जरिए शराब तस्करी के बड़े मामले का खुलास भी पिछले दिनों किया। क्राइम ब्रांच ने रेलवे स्टेशन से दिल्ली भोपाल एक्सप्रेस से पार्सल के जरिए आई 39 पेटी अग्रेजी शराब जब्त की थी। इन शराब तस्करों के तार भी दिल्ली से जुड़े थे। दिल्ली की तुलना में मध्यप्रदेश में शराब के दाम दोगुने से अधिक है जिसके चलते शराब तस्करों ने ट्रेन से तस्करी का नया मॉडल अपनाया।
शराब माफिया और अफसरों की जुगलबंदी-मध्यप्रदेश में लगातार अवैध जहरीली शराब की बिक्री के बाद आबकारी विभाग के साथ प्रशासन भी सवालों के घेरे में है। इंदौर, मंदसौर, खरगौन समेत प्रदेश के कई जिलों में जहरीली शराब से हुई मौत मामले में जो खुलासे हुए है उसके मुताबिक अवैध शराब का गोरखधंधा शराब ठेकेदार और जिम्मेदार अफसरों की सांठगांठ से बदस्तूर जारी है। शराब माफियाओं और अफसरों की सांठ-गांठ को इससे समझा जा सकता है कि तस्करों को शराब की सप्लाई शराब फैक्ट्रियों से ही की जाती है जबिक इन फैक्ट्रियों से शराब निकासी की निगरानी आबकारी अफसरों की निगरानी में होती है। 
 
क्या कहते हैं विशेषज्ञ- नशामुक्ति विशेषज्ञ डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि कोरोना के चलते बेरोजगारी बढ़ी, वहीं शराब की कीमतें भी बढ़ी है जिसके चलते लोग सस्ती शराब की ओर जा रहे है। लोगों को यह सोचना चाहिए कि अगर वह सस्ती दरों पर शराब खरीदेंगे तो वह शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है इसलिए इससे बचना चाहिए। वह कहते हैं कि शराब की लत भी एक प्रकार का मानसिक रोग भी है और इसका इलाज करना चाहिए। डॉ सत्यकांत कहते हैं कि जहरीली शराब आंखों, पाचन तंत्र और हद्य पर सीधा असर डालती है, इसलिए लोगों को इससे बचना चाहिए।
 
जहरीली शराब से मौतों के बाद जागीं सरकार- प्रदेश में अवैध और जहरीली-मिलावटी शराब को लेकर लगातार नए मामले सामने आने के अब सरकार कड़ा कानून बना रही है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए और शराब मफियाओं को नेस्तनाबूत करने के लिए सरकार कटिबद्ध और कठोर कानून बना रही है। नए कानून के मुताबिक अगर जहरीली शराब के पीने से किसी की मौत हो जाती है तो दोषी को आजीवन कारावास या फांसी और न्यूनतम 20 लाख रूपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ मिलावटी शराब के पीने से अपंगता मामले में 2 से 14 साल तक की कैद और 2 से 10 लाख रूपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

वहीं मिलावटी शराब मिलने पर भी जेल भेजा जाएगा। प्रदेश में महुआ से बनने वाली शराब पर अंकुश लगाने के लिए नई आबकारी नीति में उसे हैरिटेज मदिरा का दर्जा दिया गया है और नए कानून के अमल में आने के बाद इसके निर्माण और बिक्री के नियम आबकारी विभाग तय करेगा।