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Last Modified: बुधवार, 30 अक्टूबर 2024 (15:25 IST)

MP कांग्रेस में कलह, जीतू पटवारी की कार्यकारिणी मे शामिल इंदौर, भोपाल के दो बड़े नेताओं का इस्तीफा

MP कांग्रेस में कलह, जीतू पटवारी की कार्यकारिणी मे शामिल इंदौर, भोपाल के दो बड़े नेताओं का इस्तीफा - Resignation of two leaders included in the new executive of Madhya Pradesh Congress
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी को लेकर कलह बढ़ता जा रहा है। 10 महीने के लंबी जद्दोजहद के बाद भले ही पीसीसी चीफ जीतू पटवारी कार्यकारिणी को लेकर डैमेज कंट्रोल करने में जुटे हुए हो लेकिन अब उनके ही क्षेत्र के नेताओं ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है। मंगलवार की रात में कांग्रेस कार्यकारिणी की दूसरी सूची जारी हुई थी, लेकिन बुधवार सुबह ही पार्टी में सचिव बनाए गए इंदौर के अमन बजाज और भोपाल के  मोनू सक्सेना ने पद नहीं लेने का एलान कर दिया।

कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में इंदौर शहर के कार्यकारी अध्यक्ष अमन बजाज जो नई कार्यकारिणी में सचिव पद पर  नियुक्त किए गए थे उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अमन बजाज ने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को पत्र लिखकर कहा कि कांग्रेस कमेटी के गठन की शुभकामनाएं। इसके पहले मैं पदाधिकारी के रूप में काम कर चुका हूं। नए लोगों को मौका दिया जाए। गौरतलब है कि अमन बजाज पहले ही महासचिव के पद पर रह चुके है।

अमन बजाज की तरह भोपाल के मोनू सक्सेना जिन्हें सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने ने भी पद लेने  से इंकार कर दिया। मोनू सक्सेना ने कहा किआपकी तरफ से मुझे प्रदेश कांग्रेस में सचिव का महत्वपूर्ण पद मुझे दिया गया है, लेकिन आप से अनुरोध है कि मेरे प्रदेश सचिव स्थान पर किसी अन्य अनुभवी य युवा साथी को पदस्त कर पार्टी की विचार धारा को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करे। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी में अब तक उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और अन्य पदाधिकारी मिलाकर कुल 335 नेताओं के नाम घोषित हो चुके है।

अजय सिंह ने भी उठाए थे सवाल- पीसीसी चीफ जीतू पटवारी की घोषित नई कार्यकारिणी पर कांग्रेस  के दिग्गज नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा है कि कांग्रेस का भगवान ही मालिक है। यहां उन नेताओं की चल रही है जिनकी कारण कांग्रेस का बुरा हाल हुआ है। कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का स्‍वरूप बिलकुल भी ठीक नहीं है।

अजय सिंह ने नई कार्यकारिणी में विंध्य क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रीवा, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया, कटनी में 2-3 नाम मिल जाएं तो बड़ी बात है। वहीं नई कार्यकारिणी पर रायशुमारी के सवाल पर अजय सिंह ने कहा कि जिसने यह कार्यकारिणी घोषित की है, उनसे पूछिए कि क्‍या इसके लिए कोई रायशुमारी हुई थी क्‍या नहीं? बीते 20 सालों से गलत फैसले हो रहे हैं, क्‍या ऐसे फैसलों से कांग्रेस मजबूत होगी?

उन्होंने कहा कि जिन नेताओं के कारण कांग्रेस का बुरा हाल हुआ है, उन्‍हीं नेताओं के इशारे पर नई कार्यकारिणी बनाई गई है। इसके गठन में बहुत ज्‍यादा समय लिया गया और नतीजा ऐसा है कि यह कहीं से भी ठीक नहीं है। ऐसे में चंद शीर्ष नेताओं के फैसलों के आगे क्‍या किया जा सकता है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने जीतू पटवारी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं तो खुलेआम अपनी बात कहता हूं और समय आने पर नाम भी उजागर कर दूंगा। ये लोग बिना सोचे-समझे फैसले कर रहे हैं. सबको यह समझना चाहिए कि अगर कोई एमएलए है तो वह संगठन में कैसे काम करेगा? उसे अपनी विधानसभा क्षेत्र में काम करने होंगे और संगठन में जो समय दे सकें, पार्टी को मजबूत करने के काम कर सकें; उनको जगह मिलनी चाहिए. सही तरीके से जो काम करना था, उसका जरा ध्‍यान नहीं रखा गया, यह तो कांग्रेस का दुर्भाग्‍य है।
 
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