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Last Updated : गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024 (11:58 IST)

जानिए उज्जैन की विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के बारे में जिसका पीएम मोदी आज करेंगे लोकार्पण

जानिए उज्जैन की विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के बारे में जिसका पीएम मोदी आज करेंगे लोकार्पण - Prime Minister Narendra Modi will inaugurate Ujjain's Vikramaditya Vedic Clock today
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज उज्जैन में स्थापित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। उज्जैन में स्थापित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है जिसे वैदिक काल गणना के समस्त घटकों को समवेत कर बनाया गया है। आइए जानते हैं विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की खासियत।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी-
भारतीय कालगणना विश्व की प्राचीनतम, सूक्ष्म, शुद्ध, त्रुटिरहित, प्रामाणिक एवं विश्वसनीय पद्धति है। काल/परिमाण की इस सर्वाधिक विश्वसनीय पद्धति का पुर्नस्थापित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के रूप में उज्जैन में प्रारंभ किया जा रहा है। उज्जयिनी की स्थापना सृष्टि के आरंभ से ही मान्य की जाती रही है। दुनियाभर में उज्जयिनी से निर्धारित और प्रसारित कालगणना नियामक रही है।

भारतीय खगोल सिद्धांत और ब्रम्हाण्ड के ग्रह नक्षत्रों की गति पर आधारित भारतीय काल गणना में समय के न्यूनतम अंश का भी समावेश किया जाता है। इसकी गणना में परमाणु से लेकर कल्प तक का विचार है। मुहूर्त, घटी, पल, कास्ता, प्रहर, दिन-रात, पक्ष, अयन, सम्वत्सर, दिव्यवर्ष, मन्वन्तर, युग, कल्प, ब्रम्हा मुख्य आधार है। हमारे द्रष्टा ऋषियों ने काल की चक्रीय अवधारणा को प्रतिपादित किया है जिसमें सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलियुग की व्यवस्था निरंतर है और यह चक्र शाश्वत रूप से आते-जाते हैं तथा इनकी आवृत्ति-पुनरावृत्ति होती रहती है।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी में भारतीय पंचांग समाहित रहेगा। विक्रम सम्वत् मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभाशुभ मुहूर्त, घटी, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्यौहार, चौघडि़या, सूर्य ग्रहण, चन्द्र ग्रहण, आकाशस्थ, ग्रह, नक्षत्र, ग्रहों का परिभ्रमण इसमें स्वाभाविक रूप से समाहित होंगे। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी VST=1.25 Time Zone- Sunrise पर आधारित है जो कि वैदिक आधार है। इसका मापन डोंगला स्थित वेधशाला को आधार बनाकर किया गया है।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के ग्राफिक्स में सभी ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, नक्षत्र, सूर्योदय, सूर्यास्त आदि समाहित हैं। देश और दुनिया में बलपूर्वक आरोपित ग्रीनवीच मीन टाइम ग्रेगोरियन कैलेण्डर की दुरभिसंधि से अंतरराष्ट्रीय समय की गणना में कोई व्यवधान न करते हुए विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना की परंपरा के पुनर्स्थापन का छोटा सा प्रयास है।