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Last Updated : मंगलवार, 10 जून 2025 (16:27 IST)

मध्यप्रदेश में अब 17 जून तक होंगे ट्रांसफर, शुरू होगी मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना

Transfer in Madhya Pradesh
भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर की तारीख एक बार फिर बढ़ा दी गई है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंत्रियों की डिमांड पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 17 जून तक ट्रांसफर करने की समय सीमा बढ़ा दी। इसके साथ कैबिनेट बैठक में मोहन सरकार ने कई अन्य अहम फैसले लिए। सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिए मजरा-टोला सड़क योजना, तुअरदाल उत्पादकों को मंडी टैक्स से छूट देने का फैसला किया है।

कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के 11 वर्ष पूर्ण होने पर प्रशंसा प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस प्रस्ताव के माध्यम से देश में विगत 11 वर्षों में हुई आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रगति के लिए केंद्र सरकार की सराहना की गई। विशेष रूप से किसान, महिला, युवा और गरीब वर्ग के लिए लागू योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी गई।

बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि वर्षा काल की पूर्व तैयारी के मद्देनजर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी मंत्रियों को निर्देशित किया है कि आगामी वर्षा ऋतु के लिए अपने-अपने क्षेत्रों और विभागों में आवश्यक तैयारियां पहले से सुनिश्चित करें। नगरीय निकायों को नाले एवं जल निकासी की सफाई तथा ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों और जल स्रोतों के कैचमेंट एरिया की सफाई सुनिश्चित करने को कहा गया है।

20 हजार से ज्यादा बसाहटों को जोड़ने का लक्ष्य-उन्होंने बताया कि आदिवासियों के लिए सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया है। "मुख्यमंत्री मजरा टोला सड़क योजना" को कैबिनेट की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। यह योजना आदिवासी और दूरस्थ छोटे-छोटे गांवों (फली-मजरे-टोले) को मुख्य सड़कों से जोड़ने के उद्देश्य से प्रारंभ की जा रही है। योजना के अंतर्गत 30,900 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस पर अनुमानित 21,630 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस योजना से लगभग 20,600 बसाहटों को जोड़ने का लक्ष्य है। यदि किसी बसाहट में 20 आवास हैं, 100 से अधिक जनसंख्या है और 50 मीटर की दूरी पर सड़क नहीं है, तो वह पात्र मानी जाएगी। योजना से लगभग 80% लाभ आदिवासी क्षेत्रों को मिलेगा। जिला कलेक्टर, सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधियों की सलाह से गांव चिन्हित किए जाएंगे।

किसानों को बड़ी राहत-सरकार ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त सहायता से झाबुआ, सिमरौली, देवास आदि चार औद्योगिक क्षेत्रों में ‘वर्किंग वुमेन हॉस्टल’ की स्थापना का फैसला किया है। इन हॉस्टलों में कुल 350 सीटें होंगी और इनके निर्माण की लागत 40.59 करोड़ रुपये होगी। इसका संचालन पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप) मॉडल पर होगा। इसके अलावा सरकार ने किसानों और दाल मिलरों को राहत देने हेतु महाराष्ट्र से आयातित तुअर दाल पर मंडी टैक्स समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। इससे प्रदेश में दाल मिलों की संख्या बढ़ेगी, रोजगार सृजन होगा और किसानों को दाल की अच्छी कीमत मिल सकेगी। यह निर्णय राज्य के कृषि, व्यापार और रोजगार, तीनों के हित में है।

जिला विकास सलाहकार समिति का गठन-सरकार ने हर जिले में ‘जिला विकास सलाहकार समिति’ के गठन का निर्णय लिया है। इसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री होंगे और उपाध्यक्ष संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री होंगे। समिति जिले के विकास का रोडमैप तैयार करेगी और आवश्यकता अनुसार संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी इसमें आमंत्रित किया जा सकेगा। राज्य सरकार इन समितियों की सिफारिशों पर आवश्यकतानुसार फंड भी प्रदान करेगी।