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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : सोमवार, 19 अक्टूबर 2020 (09:46 IST)

बयान-ए-बवाल: ‘आइटम’ पर कमलनाथ के खिलाफ शिवराज-सिंधिया की ‘गांधीगिरी’ आज

ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर में रीगल चौराहे पर धरना पर बैठेंगे

बयान-ए-बवाल: ‘आइटम’ पर कमलनाथ के खिलाफ शिवराज-सिंधिया की ‘गांधीगिरी’ आज - Madhya Pradesh by-election: Shivraj-Scindia's maunvarat  against Kamal Nath 'Gandhigiri'
भोपाल। डबरा में चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री इमरती देवी को ‘आइटम’ कहे जाने को लेकर आज भाजपा नेता मौन व्रत कर ‘गांधीगिरी’ के जरिए अपना विरोध दर्ज कराने जा रहे है। दो घंटे के इस मौन व्रत कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल में पुरानी विधानसभा में महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के सामने और ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर में रीगल चौराहे पर गांधी जी की प्रतिमा के सामने मौन व्रत पर बैठेंगे।
 
वहीं प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ग्वालियर के फूलबाग में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मौन व्रत करेंगे। मौन व्रत का यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक चलेगा। पार्टी के नेता, जनप्रतिनिधि, मोर्चा अध्यक्ष, प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौन व्रत के इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की टिप्पणी को लेकर भाजपा अब मुखर हो गई है।
 
निशाने पर कमलनाथ- पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्री इमरती देवी के बारे में की गई टिप्पणी के बाद अब भाजपा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा ने इसे कमलनाथ की महिला विरोधी,दलित विरोधी तथा कांग्रेस की सामंतवादी सोच की परिचायक बताया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि कमलनाथ की यह टिप्पणी कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं की महिलाओं को प्रति उसी सोच को प्रदर्शित कर रही है, जिससे प्रभावित कांग्रेस के लोग कभी किसी महिला नेत्री को तंदूर में झोंक देते हैं, तो कभी किसी को ‘टंचमाल’ तथा ‘सजावट की वस्तु’ कहते हैं, या फिर अपनी ही महिला नेत्रियों से अभद्रता करने वालों की पीठ पर हाथ रखकर उन्हें संरक्षण देते हैं। 
 
पार्टी नेताओं ने कहा कि अब कांग्रेस के दंभी और मगरूर नेताओं को सबक सिखाने का समय आ गया है और प्रदेश की जनता उनकी इस बेहूदा टिप्पणी का करारा जवाब देगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की इस टिप्पणी को आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए भारतीय जनता पार्टी ने इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से की है। पार्टी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।