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Last Modified: सोमवार, 12 अक्टूबर 2020 (19:04 IST)

खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से देश में मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 7.34 प्रतिशत पर

खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से देश में मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 7.34 प्रतिशत पर - Inflation in the country rises to 7.34 percent
नई दिल्ली। साग-सब्जी, मांस-मछली और दालों सहित अन्य खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से सितंबर 2020 में खुदरा मूल्यों पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति की दर 7.34 प्रतिशत दर्ज की गई है।
 
सरकार के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले महीने अगस्त 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 6.69 प्रतिशत रही थी। सितंबर 2019 में यह आँकड़ा 3.99 प्रतिशत था। आंकड़ों में कहा गया है कि खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 10.68 प्रतिश रही है जबकि अगस्त 2020 में यह 9.05 प्रतिशत थी।
 
आंकड़ों में कहा गया है कि सितंबर 2020 में मोटे अनाजों के दाम 4.68 प्रतिशत, मांस-मछलियों के 17.60 प्रतिशत, अंडे के 15.47 प्रतिशत, दुग्ध एवं डेयरी उत्पादों के 5.64 प्रतिशत, तेल एवं वसा के 13.44 प्रतिशत, फलों के 3.21 प्रतिशत, सब्जियों के 20.73 प्रतिशत, दालों के 14.67 प्रतिशत, चीनी के 2.47 प्रतिशत और मसालों के 11.73 प्रतिशत बढ़े हैं।
 
इसी तरह से गैर-अल्कोहल पेय पदार्थों की कीमतों में 6.59 प्रतिशत, खाने-पीने के तैयार सामान में 4.08 प्रतिशत, तंबाकू एवं संबंधित उत्पादों में 10.81 प्रतिशत, वस्त्र में 3.02 प्रतिशत, जूते-चप्पलों में 2.84 प्रतिशत, आवास में 2.83 प्रतिशत, ईंधन और रोशनी में 2.87 प्रतिशत, घरेलू उपकरण एवं सेवा में 2.90 प्रतिशत, स्वास्थ्य में 4.90 प्रतिशत, परिवहन एवं संचार में 11.50 प्रतिशत, शिक्षा में 2.19 प्रतिशत, सौंदर्य प्रसाधन में 12.91 प्रतिशत और अन्य में 12.31 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
औद्योगिक उत्पादन में में भारी गिरावट : खनन एवं विनिर्माण क्षेत्र में आई जबरदस्त सुस्ती के कारण अगस्त 2020 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में भारी गिरावट देखी गई। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के अनुसार, पिछले साल अगस्त की तुलना में इस साल अगस्त में खनन क्षेत्र में 9.8 प्रतिशत और विनिर्माण में 8.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। 
 
बिजली क्षेत्र में भी 1.8 फीसदी की गिरावट रही। खास बात यह है कि माह-दर-माह आधार पर इस साल अप्रैल के बाद अगस्त में पहली बार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक घटा है यानी जुलाई की तुलना में भी अगस्त में उत्पादन कम हुआ है।
 
कोविड-19 महामारी के कारण अप्रैल से लगातार आईआईपी में बड़ी गिरावट देखी गई है। एक साल पहले के मुकाबले अप्रैल में सूचकांक 53.31 प्रतिशत, मई में 33.38 प्रतिशत, जून में 15.78 प्रतिशत और जुलाई में 10.77 प्रतिशत गिर गया था।
 
मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से अगस्त की अवधि में आईआईपी 25 प्रतिशत घट गया है। विनिर्माण क्षेत्र में 27.9 प्रतिशत, खनन में 18.2 प्रतिशत और बिजली में 10.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
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