बुधवार, 2 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Leader of Opposition Dr. Govind Singh offered Anoop Mishra to join the party
Written By Author विकास सिंह
Last Modified: शुक्रवार, 5 मई 2023 (12:40 IST)

दीपक जोशी के बाद अनूप मिश्रा को कांग्रेस का ऑफर, नरोत्तम का पलटवार, कांग्रेस में खप नहीं सकते BJP नेता

Congress offer to Anoop Mishra
Bhopal Political News चुनावी साल में भाजपा नेताओं की नाराजगी को विपक्ष दल कांग्रेस एक बड़े मौके के रुप में देख रही है। कांग्रेस के बड़े नेता भाजपा से नाराज नेताओं को पार्टी में शामिल होने का खुला ऑफर दे रहे है। पूर्व मंत्री दीपक जोशी (Deepak Joshi) के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बीच अब कांग्रेस ने ग्वालियर चंबल के दिग्गज नेता अनूप मिश्रा (anoop mishra) को कांग्रेस में शामिल होने का न्यौता दे दिया है।
 
ग्वालियर-चंबल से आने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि अनूप मिश्रा को कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर देते हुए कहा कि अगर वह कांग्रेस में शामिल होंगे तो उनको पूरा सम्मान दिया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उनके मित्र अनूप मिश्रा भाजपा में उपेक्षित है और उनका कांग्रेस में स्वागत है।  

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद ग्वालियर में सिंधिया घराने की खुलकर मुखालफत करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूप मिश्रा की टिकट की दावेदारी ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी है। 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर पूर्व से सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल के हाथों हार का सामना करने वाले अनूप मिश्रा एक बार फिर टिकट के लिए दावेदारी कर रहे है। अनूप मिश्रा की टिकट की दावेदारी की मुख्य वजह उपचुनाव में मुन्नालाल गोयल की हार है। 2020 के उपचुनाव में मुन्नालाल गोयल को कांग्रेस के सतीश सिकरवार की हाथों हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अनूप मिश्रा इस बार खुलकर टिकट की दावेदारी कर रहे है। अनूप मिश्रा कह चुके हैं वह तो चुनाव लड़ेंगे पार्टी तय कर लें कि उनको कहा से लाड़ना है।    

कांग्रेस में नेताओं का सम्मान नहीं- चुनाव साल में भाजपा नेताओं की कांग्रेस से नजदीकियों में और शामिल होने की अटकलों के बीच प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के अंदर यह नेता खप नहीं सकते है। पूर्व में रामकृष्ण कुसमारिया और सरताज सिंह इसके उदाहरण है। कांग्रेस में नेताओं की कोई सुनता नहीं है, इसलिए सब बाद में वापस आते है। वहीं चुनाव साल में पार्टी नेताओं की नाराजगी को नरोत्तम मिश्रा ने क्षणिक आवेश बताया।
ये भी पढ़ें
भाजपा ने दिखाया केजरीवाल का शीशमहल, ट्वीट किए फोटो