पत्रकार कमलेश जैन हत्याकांड में बड़ा खुलासा, तीन आरोपी गिरफ्तार
मंदसौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के पिपल्यामंडी में पत्रकार कमलेश जैन की हत्या के मामले में पुलिस ने भाड़े के हत्यारे और दो षड्यंत्रकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 31 मई 2017 को पिपल्यामंडी में कमलेश जैन की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सुपारी किलर राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के अखेपुर निवासी जैद लाला और पिपल्यामंडी निवासी दो षड्यंत्रकर्ताओं सुधीर जैन और धीरज अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है।
सिंह ने बताया कि आरोपी सुधीर के परिवार के पास करोड़ों की संपत्ति है। उसके छोटे भाई नवीन की मौत हो चुकी है। उसकी विधवा से कमलेश का अफेयर चल रहा था। दोनों जून में शादी करने वाले थे। सुधीर को यह बात पसंद नहीं थी। वह चाहता था कि छोटे भाई की विधवा की शादी उनके किसी परिचित से हो, जिससे उनकी संपत्ति का बंटवारा नहीं हो। कमलेश से शादी होने पर छोटे भाई का हिस्सा उसकी विधवा को देना पड़ता।
एसपी ने बताया कि इसी तरह सुधीर के दोस्त धीरज अग्रवाल के पिता नगर परिषद का चुनाव लड़े थे। उस दौरान कमलेश ने उनका विरोध किया था। धीरज के पिता चुनाव हार गए थे। इस बात से वह भी कमलेश से रंजिश रखने लगा था।
सुधीर का एक दोस्त गोपाल संन्यासी इन दिनों प्रतापगढ़ जेल में बंद है। कमलेश की सुपारी देने के लिए सुधीर और धीरज उससे मिले। गोपाल ने उन्हें उसी जेल में बंद लाला गिरोह के सरगना आजम लाला से मिलवाया। आजम लाला ने 50 लाख रुपए में कमलेश की सुपारी ली और उसमें से पांच लाख रुपए नकद अपने बेटे जैद को अखेपुर जाकर देने के लिए कहा। बाकी 45 लाख रुपए दिलवाने की जिम्मेदारी गोपाल ने ली थी।
सुधीर और धीरज ने कमलेश की हत्या के लिए अखेपुर जाकर जैद को पांच लाख रुपए दिए थे। उन्होंने हत्या के लिए मोबाइल फोन और बाइक की व्यवस्था भी की थी।
हत्या के पहले लाला गिरोह के धर्मेंद्र नामक बदमाश ने पिपल्यामंडी आकर रैकी की थी। इसके बाद 31 मई को जैद और सलमान लाला ने यहां आकर कमलेश की हत्या कर दी। धर्मेंद्र और सलमान अब तक फरार हैं। (वार्ता)