खुश होंगे किसान, न्यू ईयर पर बड़ा गिफ्ट देगी कमलनाथ सरकार
भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार किसानों को किसी भी तरह नाराज नहीं करना चाहती। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सूबे की कमान अपने हाथों में लेने के बाद बतौर मुख्यमंत्री अपने पहले फैसले में किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफी का एलान किया था। सरकार ने 31 मार्च 2018 तक के किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की थी, लेकिन सरकार के इस फैसले से किसान खुश नहीं थे। किसानों की मांग थी कि उनका वर्तमान तक का कर्जा माफ किया जाए।
गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में भी कृषि विभाग के प्रजेटेंशन में जब अफसरों ने कर्ज माफी का प्रस्ताव पेश किया था तो कैबिनेट के कई सहयोगी मंत्रियों ने कहा कि किसानों के कर्ज माफी की तारीख में बदलाव होना चाहिए।
कैबिनेट की बैठक में करीब सभी मंत्रियों ने तीस नवंबर तक किसानों का सभी बैंकों के दो लाख तक के कर्ज माफी की बात पर अपनी सहमति दी। बैठक में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, कमलेश्वर पटेल, बाला बच्चन और जयवर्धन सिंह ने कर्ज माफी को लेकर अपने अपने सुझाव भी दिए।
इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस पर सहमति देते हुए अफसरों को कर्ज माफी का प्रस्ताव नए सिरे से बनाने के निर्देश दिए। अब कर्जमाफी की तारीखों में बदलाव के साथ नया प्रस्ताव 5 जनवरी की कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा, जिस पर कैबिनेट अपनी अंतिम मुहर लगाएगी। वहीं किसानों के तीस नवंबर तक के कर्जमाफी से सरकार के खजाने पर बारह से पंद्रह हजार करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा, जो पहले के कर्जमाफी को मिलाकर करीब पैतालीस हजार करोड़ तक पहुंच जाएगा।
वहीं कर्जमाफी की तारीखों में बदलाव पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस को किसानों से अपने वचन पत्र में किया गया वादा पूरा करना चाहिए। इसमें किसी भी तरह का बैरियर या छन्ना नहीं लगाना चाहिए। शिवराज सिंह चौहान ने तीस नवंबर तक किसानों के कर्जमाफी की मांग रखी।