OBC आरक्षण पर कमलनाथ का बड़ा आरोप, 35% का वादा करके पंचायत चुनाव में सिर्फ 12% सीटें ही दे रही शिवराज सरकार
भोपाल। मध्यप्रदेश में निकाय और त्रि स्तीरय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सियासत जारी है। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण पर शिवराज सरकार को घेरते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ लगातार अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्री लगातार यह दावा कर रहे थे कि पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा लेकिन अब जो तथ्य सामने आए हैं, उससे पता चलता है कि ओबीसी वर्ग के लिए केवल 12 प्रतिशत सीटें ही सुरक्षित रखीं गई हैं।
OBC आरक्षण का दिया आंकड़ा-कमलनाथ ने प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य के 875 पद हैं, इनमें से 2022 के चुनाव में मात्र 98 पद ओबीसी के लिए सुरक्षित रखे गए हैं। इस तरह सिर्फ ओबीसी के प्रत्याशी 11.2 प्रतिशत पदों पर ही चुनाव लड़ सकेंगे। यही नहीं प्रदेश में 19 जिले ऐसे भी हैं जहां ओबीसी के लिए एक भी जिला पंचायत सदस्य का पद सुरक्षित नहीं रखा गया है।
इसके साथ प्रदेश में जनपद पंचायत अध्यक्ष के 313 पद हैं, इनमें से सिर्फ 30 पद ओबीसी के लिए आरक्षित हैंए जो कुल पदों का 9.5 प्रतिशत हैं। प्रदेश में 28 जिले ऐसे होंगे जहां जनपद पंचायत अध्यक्ष का एक भी पद ओबीसी के लिए सुरक्षित नहीं है।
वहीं कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में जनपद पंचायत सदस्य के लगभग 6800 पद हैं, इनमें से ओबीसी के लिए लगभग 780 पद सुरक्षित किए गए हैं,इस तरह सिर्फ 11.5 प्रतिशत पद ही ओबीसी को मिले हैं। प्रदेश में 10 जिले ऐसे भी हैं जहां जनपद पंचायत सदस्य के लिए एक भी पद ओबीसी को नहीं मिला है। इसके साथ प्रदेश में सरपंच के लगभग 22400 पद हैं इनमें से लगभग 2820 पद ओबीसी के लिए आरक्षित किए हैंए इसका अर्थ हुआ कि यहां भी ओबीसी का आरक्षण सिर्फ 12.5 प्रतिशत है।
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए 25 प्रतिशत स्थान सुरक्षित रखने की व्यवस्था कांग्रेस के समय की गई थी, जो भाजपा सरकार ने बिना लड़े समाप्त कर दी है जबकि पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए स्थान सुरक्षित करने का अधिकार संविधान के तहत राज्य सरकार को मिला है। भाजपा सरकार अपने अधिकार का उपयोग नहीं कर पा रही है।
कमलनाथ ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के बाद शिवराज सरकार के मंत्रियों ने बड़े जोर शोर से यह प्रचार किया कि पंचायत चुनाव में ओबीसी को 35 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाएगा। यही नहीं शिवराज सरकार ने खुद को ओबीसी वर्ग का बहुत बड़ा हितैषी बताया और इस बारे में बड़े.बड़े कार्यक्रम भी आयोजित कर लिए। लेकिन अब सच्चाई सामने आ गई है कि 35 प्रतिशत का आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग को पंचायत चुनाव में मिलने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने भारतीय जनता पार्टी की आरक्षण विरोधी नीति को पर्दे के पीछे से लागू करते हुए प्रदेश के अन्य पिछड़ा वर्ग के भाई बहनों से उनके संविधानिक अधिकार छीनने का कार्य किया है।