कमलनाथ सरकार में नहीं मिला पद-सम्मान, संत ने दी सुसाइड की धमकी
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव के समय कांग्रेस के संकटमोचक बने संत और बाबा अब सरकार के लिए संकट का सबब बन गए है। बाबाओं को अब कमलनाथ सरकार से भाजपा के खिलाफ काम करने का ईनाम चाहिए, इसके आए दिन कोई न कोई बाबा मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने अपनी डिमांड रख रहा है।
इस कड़ी में नया नाम राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण न्यास से जुड़े आचार्य देवमुरारी बापू का जुड़ गया है। देव मुरारी बापू का दावा है कि विधानसभा चुनाव के समय दिग्विजयसिंह ने उनकी मुलाकात कमलनाथ के साथ उनके घर पर करवाई थी जिसमें उन्हें भाजपा के खिलाफ काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
चुनाव के समय कांग्रेस ने उनसे पूरे प्रदेश में भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार करवाया था। आचार्य देव मुरारी बापू का यह भी दावा है कि प्रदेश के 15 जिलों में उन्होंने भाजपा के खिलाफ प्रचार कर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने के लिए अपने साथियों के साथ विशेष अभियान चलाया था।
संत देव मुरारी बापू का कहना है कि उस समय उनसे चुनाव के बाद पद और सम्मान देने का वादा किया गया था, लेकिन अब 8 महीने बीत जाने के बाद भी उनको न कोई सम्मान दिया गया और न ही कोई पद।
देव मुरारी बापू कहते है कि आज कंप्यूटर बाबा और सुवुधानंद महाराज की सरकार में सम्मान के साथ भागीदारी है जबकि उनकी मेहनत का कोई भी इनाम नहीं दिया गया जबकि उनको भी इसी तरह का सम्मान मिलना चाहिए।
सुसाइड की दी धमकी : आचार्य देव मुरारी बापू का कहना हैं कि इस महीने की 12 जुलाई को उन्होंने मंत्रालय में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलकर उनके सामने अपनी बात रखी।
अपनी मुलाकात में देव मुरारी बापू ने सरकार से अपने लिए गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष पद की मांग करते हुए सरकार को 15 अगस्त तक का समय दिया था।
अब जब सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है तो वे सोमवार को अपने साथियों के साथ पैदल मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर सुसाइड कर लेंगे। मुरारी बापू ने सरकार पर अपने साथ वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है।
सरकार का जवाब : आचार्य देव मुरारी बापू की धमकी के बाद प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार किसी भी काम के लिए वक्त चाहिए।
देव मुरारी बापू की मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात की पुष्टि करते हुए मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रख दी और अब उनको सरकार को कुछ समय देना चाहिए।